फंस सकता है माया का जातिगत समीकरण

फंस सकता है माया का जातिगत समीकरण
लखनऊ- उत्तर प्रदेश भाजपा के एक पदाधिकारी ने विधानसभा चुनाव टिकट वितरण में धर्म और जाति का विवरण देकर सु्प्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने के आरोप में बसपा मुखिया मायावती के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत की है।
भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य नीरज शंकर सक्सेना ने आज यहां बताया कि उन्होंने गत शनिवार को केन्द्रीय निवार्चन आयोग को मायावती के खिलाफ एक शिकायत भेजी है। क्या है खास शिकायत में पिछले साल 24 दिसम्बर और गत तीन जनवरी को मायावती ने लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस करके अपनी पार्टी द्वारा जाति तथा धर्म के आधार पर टिकट बांटे जाने का विवरण दिया था।
- प्रदेश के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में एक किताब भी बंटवा रही हैं, जिसमें लिखा है कि मुस्लिम समाज का सच्चा हितैषी कौन, फैसला आप करें।- मायावती का यह आचरण सुप्रीम कोर्ट के उन आदेशों के खिलाफ है जिसमें धर्म, जाति, भाषा या वर्ग के आधार पर वोट मांगने को गलत ठहराया गया था।

भाजपा नेता ने आयोग से मांग की है कि वह एक पार्टी के रूप में बसपा की मान्यता खत्म करें। मायावती के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो और और जो अन्य भी कानूनी कार्रवाई हो सकती है, की जाए। क्या है माया का जातिगत टिकटों का समीकरण मायावती ने 87 दलितों
97 मुसलमानों
106 अन्य पिछड़ा वर्ग
इसके अलावा बाकी 113 सीटों पर अगड़ी जातियों को टिकट दिए गए हैं। इनमें ब्राह्मणों को 66,
-क्षत्रियों को 36, कायस्थ, वैश्य और सिख बिरादरी के 11 लोगों को उम्मीदवार बनाया गया है।

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