जब एक बाल मजदूर ने डीएम के साथ खाया खाना

जब एक बाल मजदूर ने डीएम के साथ खाया खाना

गोंडा - शादाब को पता नहीं था कि अगले पल उसकी जिंदगी बदल जायेगी । कहाँ एक समय खाने को नहीं था । अब जिस्मत ऐसी पलटी की जिले का सबसे बड़ा अधिकारी डीएम के साथ खाने को मिल रहा है । करनैलगंज की एक रेडीमेड कपड़े की दुकान पर सौ रूपए प्रतिदिन की मजदूरी पर काम करने वाले शादाब खान की जिन्दगी में डीएम आशुतोष निरंजन की मुहिम नया सबेरा बनकर आयी। डीएम आशुतोष निरंजन ने चाौदह वर्षीय बाल श्रमिक शादाब खान को गोद लेकर उसकी शिक्षा-दीक्षा का जिम्मा उठाया है। बताते चलें कि विगत माह डीएम श्री निरंजन के निर्देशन में श्रम विभाग द्वारा जनपद में अभियान चलाकर छापेमारी कर नौ बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया था। मुक्त कराए गए नौ बाल श्रमिकों को डीएम के निर्देशन में अधिकारियों की गोद मिल गई है। सर्वोदय योजना के तहत अफसरों द्वारा जिले के नौ बच्चों को गोद लिया गया है। बाल श्रम से मुक्त कराए गए बच्चों का भविष्य संवारने के लिए डीएम ने स्वयं शादाब खान पुत्र नसीम अख्तर निवासी मोहल्ला गाड़ी बाजार पूर्वी कस्बा करनैगलंज को गोद लेकर तत्काल प्रभाव से प्रारम्भिक शिक्षा-दीक्षा का प्रबन्ध कर दिया है। इसी प्रकार मोनू शुक्ला पुत्र श्रीधर शुक्ला, निवासी गौड़ियनपुरवा नगवांकला गोण्डा को मुख्य विकास अधिकारी जयन्त कुमार दीक्षित, समीर पुत्र फहीम अख्तर निवासी गाड़ी बाजार करनैलगंज पूर्वी को पुलिस अधीक्षक गोण्डा सुधीर कुमार सिंह, मंगली पुत्र रामानन्द मौर्या निवासी 430-नचनी करनैलगंज को अपर जिलाधिकारी त्रिलोकी सिंह, रोहित पुत्र रामानन्द मौर्या को अपर पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सिंह, लक्ष्मण पुत्र अशरफीे लाल निवासी अहिरनपुरवा निवासी सकरौरा ग्रामीण करनैलगंज तथा सोनू पुत्र अशरफी लाल निवासी सकरौरा ग्रामीण करनैलगंज गोण्डा को उपश्रमायुक्त देवीपाटन मण्डल शमीम अख्मर अंसारी, राजा पुत्र रोहित निवासी निवासी ग्राम चाइनपुरवा पोस्ट मलौना करनैलगंज को परियोजना निदेशक डीआरडीए वीरपाल तथा प्रकाश पुत्रदृगराज निवासी चाइनपुरवा पोस्ट मलौना करनैलगंज गोण्डा को जिला पंचायतराज अधिकारी घनश्याम सागर द्वारा गोद लिया गया है। डीएम श्री निरंजन ने बताया कि उनके द्वारा गोद लिए गए बालक शादाब खान के परिजनों की आर्थिक स्थिति दयनीय होने के कारण वह मजबूर होकर करनैलगंज कस्बे में ही एक फैन्सी रेडीमेड गारमेन्ट्स की दुकान पर सौ प्रतिदिन की मजदूरी करने लगा था। छापेमारी अभियान के दौरान शादाब दुकान पर काम करता हुआ पाया गया था। मंगलवार को डीएम श्री निरंजन ने शादाब को अपने आवास पर बुलाकर अपनी धर्मपत्नी श्रीमती डा0 नेहा निरंजन व अपने साथ खाना खिलाया और उसकी शिक्षा हेतु तत्काल ट्यूशन की व्यवस्था के साथ ही ट्यूशन जाने के लिए एक साइकिल, कपड़े और किताबों का प्रबन्ध कराया है। डीएम ने बताया कि अगले शिक्षा सत्र में शादाब का एडमीशन वे किसी अच्छे स्कूल में कराएगें। उन्होने बताया कि शादाब खान सहित सभी गोद लिए गए नौ बच्चों की पढ़ाई पर आने वाले खर्च को स्वयं उनके द्वारा तथा गोद लेने वाले अन्य सभी अधिकारियों द्वारा स्वयं वहन किया जाएगा। इसके साथ ही गोद लिए हुए बच्चों का ई-डाटा तैयार कर आॅनलाइन मानीटरिंग की व्यवस्था बनाई जाएगी। डीएम की इस पहल से एक ओर जहंा गरीब बच्चों की जिन्दगी में खुशहाली आ गई है वहीं जिले में डीएम की पहल चर्चा का विषय बनी हुई है।


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