कब सुधरेगा समाज

कब सुधरेगा समाज
समाज -समाज क्राइम घटने के बजाए बढ़ता ही जा रहा कहीं मासूम बच्ची को अपनी हवस का शिकार बना लेते हैं तो कहीं पिता ही अपनी बेटी से अपनी प्यास बुझा लेते हैं महिलाएं खी अकेली निकलती हैं उन के दरिन्दे घिनोना काम कर जाते हैं महिलायें अकेले न घर पर रह सकती हैं और ना ही कहीं आ जा सकती हैं मासूम बच्चियों का बचपना छीन कर समाज में रहने वालों से नफरत करना सिखा देते हैं और जो 13 से 14 साल की होती हैं तो उनको माँ बना देते हैं जब की उनकी ये उम्र खाने खेलने और पढ़ने की होती है महिलाएं कहीं जाती हैं तो उन को ज़बरदस्ती पकड़ कर उन का रेप कर दिया जाता है | समाज में अब कहीं भी कोई भी महिला अपने असुरछित महसूस करने लगी हैं| आखिर कैसे सुधरेगा समाज ? दरिंदगी कब बंद होगी ?

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