कुछ देर की प्रार्थना और मुक्ति डिप्रेशन से

कुछ देर की प्रार्थना और मुक्ति डिप्रेशन से
डेस्क -आज की भागदौड़ की जिंदगी और जबर्दस्त कम्पटीशन के बीच जिस तरह से आदमी की जिंदगी गुजार रही है जिसमे तनाव का होना स्वाभाविक है जिसे चाह के भी हम खत्म नहीं कर सकते लेकिन उसे काम जरूर किया जा सकता है हम तनाव से निपटने के लिए आप क्या-क्या नहीं करते। व्यायाम से लेकर डॉक्टररी सलाह तक। लेकिन, इन सबके अलावा भी एक अन्य उपाय है। जो आसान होने के साथ-साथ बेहद कारगर भी है और वो है प्रार्थना। आपने कभी तनाव करने के लिए प्रार्थना का सहारा लिया है। जी, प्रार्थना से न सिर्फ तनाव का स्तर कम होता है, बल्कि यह कई बीमारियों से बचाने में भी मददगार साबित होती है।अगर आप अपने आसपास उन लोगों की दिनचर्या पर नजर डालें जो आध्यात्म से जुड़े है उनकी सोच भी सकारात्मक होती है और ऊर्जा से भरे भी होते हैं । एक शोध के मुताबिक प्रार्थना मन के साथ-साथ शरीर को भी स्वस्था रखती है। साथ ही इससे उम्र में भी इजाफा होता है। यही नहीं प्रार्थना करने से ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित रहता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में हुए इस शोध में पाया गया कि धार्मिक प्रवृत्ति के लोगों में कई तरह की बीमारियां होने की आशंका भी कम होती है।
प्रार्थना से बदल जाती है लाइफस्टाइल
नियमित रुप से पूजा और प्रार्थना करने से मन में सकारात्क ऊर्जा बढ़ती है। और प्रार्थन करने वाला व्यक्ति भीतर से अच्‍छा और बेहतर महससू करता है। इससे जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलता है। आजकल अनियमित जीवनशैली कई रोगों की मुख्य वजह है। जब आप पूजा व प्रार्थना को अपने जीवन में एक आदत के तौर पर शामिल करते हैं तो निश्चित ही आप अपने अंदर अच्छा बदलाव महसूस करेंगे। विशेषज्ञों की मानें तो पूजा और संगीत व्यक्ति में बढ़ रहे दबाव का स्तर कम करते हैं। इसका मतलब है ये गतिविधियां जीवन में संतुलन बनाये रखती हैं। प्रार्थना का सकारात्मक प्रभाव देखने के लिये जरूरी है कि उसे दिल से किया जाए। नियमित योग करने वाले लोग जो हमेशा फिट रहते हैं वह भी एक किस्म की पूजा प्रार्थना ही कर रहे होते हैं।
नोएटिक थैरेपी क्या है
नोएटिक (मंत्रों, संगीत, स्पर्श और प्रार्थना) थैरेपी वह थैरेपी होती है जिसमें बिना दवाई, उपकरण और सर्जरी के इलाज किया जाता है। कई मरीजों पर नोएटिक थैरेपी का इस्तेमाल करने से पाया गया है कि वह,जो सिर्फ दवाई लेते हैं, उनके मुकाबले इनके 30 प्रतिशत ज्यादा सही होने की संभावना होती है साथ ही इन लोगों में एक आश्वासन इस बात का भी होता है कि ये मरीज लंबे समय तक बीमार नहीं पड़ते।
प्रार्थना के अन्य लाभ
प्रार्थना करने से मन स्थिर और शांत रहता है। क्रोध पर नियंत्रण रखने में मदद मिलती है। इससे स्मरण शक्ति और चेहरे की चमक बढ़ती है। प्रार्थना से मन में सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है, जिससे मन निरोगी बनता है। शोध में पाया गया है नियमित तौर पर ईश्वर का ध्यान करने और प्रार्थना करने से रक्त संचार दुरुस्त रहता है। सामूहिक तौर पर प्रार्थना करने से व्यक्ति के मन में एकता का भाव बढ़ता है और अकेलापन दूर होता है। धार्मिक स्थल तक पैदल चल कर जाने से व्यायाम भी हो जाता है।

प्रतिदिन प्रार्थना करने से व्यक्ति को ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है, जिससे एकाग्रता आती है।इन सबसे अलग व्यक्ति के अंदर एक विश्वास होता है कि सब कुछ अच्छा ही होगा । Source web

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