उर्दू के पिटारे से होली

उर्दू के पिटारे से होली

लखनऊ -डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विवि के आईईटी कैम्पस स्थित अतिथि गृह में गुरुवार को सायं 7 बजे से होली मिलन समारोह के अवसर पर कवि सम्मलेन आयोजित किया गया।
उस अवसर पर देश के विख्यात कवियों ने हिंदी उर्दू की गंगा यमुनी तहजीब को अपने शब्दों के जाल से बुना।
इस दौरान कवि डॉ सुरेश अवस्थी ने अपने व्यंगों लोगों मन्त्रमुग्ध कर दिया।
उत्तर प्रदेश के हिंदी संस्थान के निदेशक मनीष शुक्ल ने अपने उर्दू के पिटारे से लोगों को लखनवी अंदाज का परिचय करवाया।
डॉ पदम् अलबेला ने अपने अलबेले अंदाज से होली के रंगों की छटा बिखेरी।
कवि प्रमोद पंकज ने देश के युवाओं को सकारात्मक ऊर्जा से कार्य करने का अपनी कविता से आवाहन किया।
हेमंत पांडेय ने हास्य से राजनैतिक गलियारे की उठा पटक की बातों से लोगों को परिचित करवाया।
कवि राम किशोर तिवारी ने लोगों अपने किशोर अंदाज से उपस्थित श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।
कवित्री डॉ सुमन दुबे ने श्रृंगार के रंगे गीतों से सीमा पर पहरी की भूमिका निभा रहे जवानों तक से परिचित करवाया।


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