क्यों कम हो गई योगी के मंत्रियों के चेहरे की चमक ?

लखनऊ -अगर सोचा था कि मंत्री बनकर रुतबा दिखाएंगे अपने लोगों को सेट करेंगे तो मुश्किल की घड़ी है उन मंत्रियों के लिए जो अब वाकई समाज सेवा ही कर पाएंगे । योगी ने जहां अपनी सरकार का मंत्रियों के लिए कोड आफ कंडक्ट जारी किया है जिससे कई मंत्रियों के चेहरे गायब हो गई है जो लोग इस मुगालते में थे कि उन्हें संपत्ति का ब्यौरा नही देना पड़ेगा उनकी मुश्किल तब और बढ़ गई जब इसके लिए भी योगी ने डेडलाइन तय कर दी ।
यह फरमान तब जारी हुआ जब सीएम योगी आदित्यनाथ की यूपी सरकार ने मंगलवार को अपने 30 दिन पूरे कर लिए हैं. योगी ने अपने नए फैसले में यूपी के मंत्रियों के लिए एक आचार संहिता जारी की है.
ये आचार संहिता भी योगी के मिजाज़ से मेल खाती है. इसके तहत उन्होंने साफ़ कर दिया है कि उनकी कैबिनेट का कोई भी मंत्री महंगे होटलों में नहीं रुकेगा. इतना ही नहीं उन्होंने यह भी साफ़ किया है कि कोई 5000 रुपये से ज्यादा कीमत का गिफ्ट भी नहीं लेगा.
क्या है मंत्रियों के लिए 'योगी का कोड आफ कंडक्ट
1) योगी ने मंत्रियों से सरकारी दौरों के लिए महंगे होटलों में न रुक सर्किट हाउस में रुकने के आदेश जारी किए हैं.
2) योगी ने आचार संहिता में साफ़ कर दिया है कि कोई भी मंत्री 5000 रूपये से ज्यादा कीमत का लिया गया गिफ्ट सरकारी खजाने में जमा करना होगा
3) ऐसा कारोबार न करें जो सरकार से जुड़ा हो या सरकारी योजना से संबंधित हो.
4) ठेके-पट्टों वालों से मंत्री दूर रहें. कोई सगा-संबंधी या वह स्वयं किसी सरकारी विभाग में ठेका-पट्टा या माल सप्लाई तो नहीं करते रहे हैं. यदि शामिल रहे हैं तो अलगहो जाएं.
5) मंत्री बड़ी-बड़ी दावतों से दूर रहें. यात्रा के दौरान दिखावे और दावत से बचे.
6) हर साल 31 मार्च तक अपनी आय का ब्यौरा उपलब्ध कराएं. सोना-चांदी का भी विवरण भी दें.
7) मंत्री बनने से पहले व्यवसाय का विवरण और उससे होने वाली आमदनी के बारे में भी जानकारी दें. किसी कंपनी में उनकी साझेदारी है तो उसका विवरण दें.