naked wife यहाँ पत्नी 5 दिन तक बिना कपडे के रहती है, क्या है परंपरा ?

naked wife यहाँ पत्नी 5 दिन तक बिना कपडे के रहती है, क्या है परंपरा ?

5 days naked wife amazing khabar हिमाचल -दुनिया भर में ना जाने कितनी ही प्रकार की प्रथाएं है जो अपने आप में रोचक और बेमिसाल है! भारत में भी इसी तरह की अनेको संस्कृतियां और रीति रिवाज है! जिनकी मिसाल दुनिया भर में दी जाती है! हर जगह और समाज की अपनी अलग और अनोखी परंपरा होती है जो सदियों से चली आ रही है! तो चलिए आज ऐसी ही एक अनोखी प्रथा को जानते है जिसके बारे में जानकर आप आश्चर्य में पड जायेंगे! हिमाचल प्रदेश के एक गाँव में सदियों पुरानी एक परंपरा है जहाँ पर हर शादी शुदा महिला वर्ष में 1 बार 5 दिनों तक बिना कपड़ो के नग्न अवस्था में रहती है! इतना ही नहीं इन 5 दिनों में महिला किसी भी व्यक्ति से बातचीत नहीं करती और ना ही किसी से मिलती है यहाँ तक की अपने पति से भी नहीं मिलती और बात भी नहीं करती है! ऐसा कहा जाता है की ये प्रथा इस स्थान पर सदियों से चलती आ रही है और इस प्रथा को तभी से गाँव के लोग आज भी सकारात्मक मानते है! देश के हिमाचल राज्य के इस गांव में हर वर्ष सावन के महीने के 5 दिनों तक शादी शुदा जोडे आपस में बातचित नहीं करते है और पत्नी 5 दिनों तक नग्न अवस्था में रहती है!





सावन के महीने में महिलाये पांच दिन नही पहनती है कपडे

सावन महीने के इन 5 दिनों में महिलाएं बहूत सख्त नियमो का पालन भी करती है, इन दिनों में स्त्रियाँ एकांत में बिना किसी से बात किये रहती है और पुरुष भी इन 5 दिनों में शराब तक को हाथ नहीं लगते है!यहाँ के गाँव के लोगो का मानना है की सावन के दिनों में जब देवता इस गांव में कदम रखेंगे तो पति पत्नी को आपस में किसी भी प्रकार का अनैतिक मजाक करते हुए देखने पर देवता बुरा मान जाएंगे जिसके कारण पूरे गाँव में भारी तबाही आ सकती है! इसलिए इस गाँव में रहने वाले सभी इस परंपरा को मानते आ रहे है इस अवधि में पति पत्‍नी का एक दुसरे के साथ बातचीत करना या किसी भी प्रकार का हंसी मजाक करने की मनाही होती है! और किसी भी प्रकार का नशा या शराब का सेवन भी नहीं किया जा सकता है!

हिमाचल प्रदेश के गाँव में क्यों नहीं पांच दिन तक महिलाएं नहीं पहनती हैं कपडे

हिमाचल प्रदेश के मणिकर्णी घाटी में पीढ़ी गाँव में ऐसी परम्परा है जहाँ की महिलाएं पांच दिनों तक कपडे यही पहनती हैं एक तरीके से आजह isolation में चली जाती हैं किसी के संपर्क में नहीं रहती हैं और अपने सर को ढकने के लिए उन से बने कपड़ों का इस्तेमाल करती हैं | मान्यता यह है की उन दिनों देवता धरती पर आते हैं और उन्हें कुछ भी आपत्तिजनक न मिले ऐसा इसलिए ऐसा किया जाता है | माना जाता है की पहले भी इन्ही दिनों में आकर ृक्षों का संघार किया था और हर साल वह सावन के ही दिनों में उस गाँव में आते हैं |

आधुनिकता के बावजूद आज भी इस गाँव में इस परंपरा को परिपाटी को बनाये रखने के लिए इसका निर्वाहन किया जाता है जो की अन्य लोगों के लिए एक अजब गजब परंपरा है

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