पत्थरबाजी करने में घायल छात्रा ने किया खुलासा क्यों लड़कियों ने किया था अटैक
काश्मीर -मैं गुस्से में आ गयी थी और उसके बाद पत्थरबाजी को अंजाम दिया था मैं नाराज थी क्योंकि सीआरपीएफ वाले ने एक लड़की को तमाचा जड़ दिया था । यह कहना है एक उस लड़की का जिसने सीआरपीएफ पर पत्थरबाजी की थी और खुद भी घायल हो गई थी । घायल लड़की का कहना है कि वह एक फुटबॉल खिलाड़ी हैं और हरेभरे मैदान में फुटबॉल के पीछे दौड़ना उनका काम है और देश के लिए खेलना चाहती है और ऐसा ही कई लड़कियों का मानना है ।
कश्मीर में पिछले दिनों हुई पत्थरबाजी और प्रदर्शन की घटना में शामिल घायल कश्मीरी लड़की ने कहा था कि वो इस प्रदर्शन का हिस्सा आगे नहीं बनना चाहती है।
मीडिया के मुताबिक जो लड़कियां उस दिन कश्मीर में हुई पत्थरबाजी में शामिल थीं वे हरे मैदान में फुटबॉल के पीछे भागती हैं और देश के लिए फुटबॉल खेलने का सपना देखती हैं।
प्रदर्शन में शामिल कई लडकियां जिन्हें उस दिन चोटें भी आई थी, वे खुले आसमान के नीचे फुटबॉल खेलना चाहती हैं। 21 साल की अफशान आशिक कहती हैं, हां मैंने उस दिन पत्थर फेंके थे, लेकिन मैं ऐसा नहीं करना चाहती थी।
अफशान कहती हैं कि वे लोग जब पार्क में फुटबॉल की प्रैक्टिस करने जा रही थी तब उन लोगों ने देखा कि कुछ लड़के पत्थरबाजी कर रहे हैं और अफशान ने उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन लड़कियां घबरा गईं। पुलिस ने लड़कियों को गलत समझ लिया और सोचा कि वे लोग भी इस प्रदर्शन में शामिल हैं। एक पुलिस वाले सामने आया और एक लड़की को तमाचा जड़ दिया। इस बात ने हमें और गुस्सा दिला दिया। हम सब एक साथ हो गईं और हमने भी पत्थर फेंकने शुरू कर दिए।
पुलिस अधिकारी ने कहा, पुलिस और सीआरपीएफ ने नियंत्रण बनाए रखा, जिसका सबूत यह है कि किसी स्टूडेंट को चोट नहीं लगी। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के जवाब के बीच फर्क है।
कश्मीर में पिछले कुछ दिनों में पत्थरबाजी की घटना में काफी तेजी आई है । पहले पैलेट गैन के इस्तेमाल से जहां पत्थरबाजी की घटना पर रोक लगी थी और नोटबंदी के दौरान कमी आई थी । लेकिन अब जिस तरह से सेना केजवानों पर हमला हो रहा है उससे मनोबल पर असर पड़ रहा है साथ ही सेना के सब्र का बांध टूट रहा है ।