क्या होगा अब शिवराज सिंह चौहान का देखिये शिवराज चौहान की जन्म कुंडली का विवेचन/व्याख्या---

क्या होगा अब शिवराज सिंह चौहान का देखिये शिवराज चौहान की जन्म कुंडली का विवेचन/व्याख्या---
प्रिय पाठकों/ मित्रों आज कल सभी जगह, मीडिया मे ओर सोशल मीडिया मे सिर्फ एक ही इंसान और एक ही जगह का चर्चा है और वो इंसान है मामा यानी शिवराज सिंह चौहान और जगह है आपना मंदसौर (मध्यप्रदेश)
प्रिय पाठकों/मित्रों, मेरे बहूत से मित्रों ने मुझे (ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री को )शिवराज सिंह जी की कुंडली पर भी लिखने-विवेचन को बोला थे तो मित्रों आज श्री शिवराजसिंह चौहान की कुंडली का और उनके सब वर्गीय चार्ट्स को यानी लग्न कुंडली नवमांश और दशमांश देखते है ।।
29 नवंबर 2005 को मप्र के मुख्यमंत्री के तौर पर पहली बार शपथ लेने वाले शिवराज सिंह तीसरी बार मध्यप्रदेश के (मुख्यमंत्री) मुखिया बने हैं।
नाम: शिवराज सिंह चौहान
जन्म तारीख: गुरुवार, मार्च 05, 1959
जन्म समय: 04:50:00 सुबह/प्रातः
जन्म स्थान: सीहोर (मध्यप्रदेश)
Longitude: 77 E 8
Latitude: 23 N 12
Time Zone: 5.5
( श्री शिवराज सिंह चौहान की जन्म कुंडली का फोटो संलग्न हैं (अटैच हैं)...

शिवराज सिंह के पहली बार मुख्यमंत्री बनने की तारीख यानी 29 नवंबर, 2005 और उनकी जन्मतिथि गुरुवार, 5 मार्च 1959 (जन्म समय सुबह 04 बजकर 50 मिनट(संभावित--गूगल पर उपलब्ध जानकारी अनुसार), जन्म स्थान: ग्राम जैत जिला सीहोर) के आकलन के बाद ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की आने वाले समय में शिवराज सिंह चौहान की जिंदगी में कई बड़े परिवर्तन संभावित हैं ।
मध्यप्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का जन्म विक्रम संवत 2015 के फाल्गुन मास की कृष्ण पक्षीय एकादशी (नंदा) तिथि को कुंभ लग्न धनु राशि में हुआ हैं |
गण--मनुष्य
नाड़ी--अन्त्य
तत्व--वायु
वश्य--चतुष्पद
वर्ण--क्षत्रिय
मध्यप्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का मूलांक और भाग्यांक 05 हैं | इनका मित्रांक 03 और 09 हैं |
मध्यप्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कुंभ लग्न व 12वें भाव का स्वामी शनि वर्तमान में उच्च का होकर भाग्य भाव से भ्रमण कर रहा है। 12वें भाव में चंद्र -शनि की युति, विष योग का निर्माण कर रही हैं |
वहीं जन्म के समय शनि एकादश यानी आय भाव में गुरु की राशि धनु में है।यहाँ गुरु वृश्चिक राशि में स्थित हैं |
दूसरे भाव में सूर्य,कुम्भ राशि में स्थित हैं |
वहीं मंगल,पंचम भाव में-वृषभ राशि में स्थित हैं |
और राहु ,कन्या राशि में- 9वें भाव में स्थित हैं |
शुक्र-केतु और बुध, तीसरे भाव में--मीन राशि में स्थित हैं |
ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की पहले और छठे भाव का स्वामी शुक्र उच्च का होकर बुध के साथ 11 वें भाव में है उसके साथ पंचम और दूसरे भाव का स्वामी बुध भी है, जो लक्ष्मी नारायण योग भी बना रहा है बुध नीच का है, लेकिन उच्च के शुक्र के साथ नीच भंग राज योग बन गया है कुंडली में केतु का प्लेसमेंट शुभ नहीं है नवमांश में शुक्र धनु राशि में और बुध सिंह राशि में है शुक्र और बुध दोनों ही शुभ हैं और अच्छे स्थान पर बैठे हैं ।।
पंचम स्वामी बुध और लग्न स्वामी शुक्र की युति ने उनका प्रेम विवाह कराया और दो प्यारे बच्चे हासिल कराए हैं पहले और छठे भाव के स्वामी शुक्र के 11 वें भाव में होने से विरोधियों पर उनको हमेशा विजय हासिल होती रही है तीसरे भाव का स्वामी चंद्र नवम भाव ( भाग्य एवं धर्म स्थान) में है, यह भी उनकी कुंडली में शुभ स्थिति है लेकिन चंद्रमा शत्रु मकर राशि में और पाप कतरी होने से उन्हें मानसिक पीड़ा और विवाद गिफ्ट में मिलते रहते हैं ।।
राशि स्वामी पत्रिका में दशम भाव में मित्र मंगल की राशि में होकर अमला योग बना रहे हैं। यह कुलदीपक योग होता है। यही वजह है कि आप कुल का गौरव बढ़ाने वाले हुए। पिछले अनेक वर्षों से शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश की कमान बखूबी थामे रखी है। मंगल दशमेश होकर चतुर्थ यानी माता-भूमि-भवन भाव के साथ है इस योग से जिस प्रदेश में जन्म हुआ वहां सफलता भरपूर मिलती है। ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की मंगल की सप्तम दृष्टि दशम भाव पर स्वदृष्टि पड़ रही है। यानी राजसुख प्रबल रहा वहीं गुरु के प्रभावी होने से राजसुख मिला( मुख्यमंत्री का पद)।शिवराज सिंह की पत्रिका में गुरु का मिथुन से गोचरीय भ्रमण पंचम भाव से हो रहा है। उसकी एकादश भाव पर स्वदृष्टि व चन्द्र पर पूर्ण सप्तम दृष्टि गजकेसरी योग बना रही है।
राजनीति में तीसरे भाव का स्वामी मुख्य होता है और यह राजनैतिक संवाद बनाता रहता है शुक्र, बुध के साथ केतु एकादश मे और पंचम भाव में राहु प्रसिद्धी स्थायी सफलता में उत्पन्न करते हैं दशम भाव का स्वामी शनि अष्टम भाव में है, यह सफलता देरी से दिलाता है लेकिन शनि यहां स्थायित्व का भी संकेत कर रहा है दशम भाव में सूर्य कुंभ राशि मे है और अपने घर को यानी सिंह राशि को देख रहा है।।
मित्रों, ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की चतुर्थ भाव जनता भी है इस लिये उन्हे जनता का प्यार अब तक भरपूर मिलता रहा है और सूर्य का दशम भाव मे होना उनकी राजनैतिक सफलता के लिए बहुत अच्छा है तभी तो कितने समय से एक प्रदेश के मुख्मंत्री बने हुए है मित्रों बारहवें भाव का स्वामी मंगल का लग्न में होना, उनके वैवाहिक जीवन के लिए शुभ नहीं है, लेकिन यह जातक के साहस को बढ़ा रहा है और बाहरी सहयोग की ओर संकेत कर रहा है सप्तम गुरु सप्तम व आठवें के शनि को मंगल देख रहा है,
यह उनके मार्ग में बाधायें और कलंकित किए जाने की ओर इशारा कर रहा है दशमांश कुंडली कन्या लग्न की जै और पहले व दशम भाव का स्वामी बुध पंचम भाव में शुभ है। इसकी वजह से शिवराज सिंह चौहान ने अपने कैरियर को आगे बढ़ाने के लिए सटीक और योजनाबद्ध तरीके से कदम उठाए हैं, जिनकी वजह से उन्हें प्रसिद्धी व सफलता मिलती आ रही है ।।
तीसरे भाव का स्वामी मंगल दशम भाव में आकर बड़ा ही अच्छा है, जिसकी वजह से उनके लिए मुकबला करने की भावना हमेशा रहती है राहु का तीसरे स्थान में होना भी एक राजनैतिक व्यक्ति के लिए हमेशा शुभ होता है जातक में पर्याप्त मात्रा में साहस बना रहता है ।।
प्रिय पाठकों/मित्रों, इस समय शिवराज सिंह जी की शनि देव की महादशा चल रही है और शनि मे शनि का अंतर चल रहा है और मित्रों शनि देव उनके अष्टम भाव मे है और इस लिये उनकी साडे साती भी चल रही है और मित्रों, जब आप शिवराज चौहान की उपलब्ध कुंडली के सब वर्गीय चार्ट्स को देखेगे तो पायेंगे की ज्यादातर चार्ट्स मे शनि नीच का या नीच अभिलाषी और या तो अष्टम भाव मे या द्वादश मे है और शनि देव की माहाद्शा का होना और ऊपर से साडे साती का होना परेशानी का कारन बन सकता हैं |
मित्रों, ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की यह भी सम्भव है की भाजपा उनको मुख्मंत्री का उमीद्ववार ही ना बनाये मित्रों 20 जून 2017 से वक्री शनि इनके अष्टम भाव से सप्तम मे जायेगा।। इस समय जो समस्या चल रही है किसानो की इस से छूटकारा आराम से पा लेंगे लेकिन मध्यप्रदेश में चुनाव अभी नही बल्कि अगले वर्ष 2018 मे अक्टूबर या नवम्बर को होंगे उस समय तक शिवराज सिंह जी को अपनी कुंडली के अनुसार उपाय ज़रूर करने चाहिये और नियमित करने चाहिए।।
विशेष सावधानी--शनि की महादशा दुश्मनों को बढ़ावा देगी---
ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार, शिवराज सिंह चौहान की कुंडली में इस समय शनि की महादशा में,शनि की अन्तर्दशा और शुक्र का प्रत्यंतर (26 मार्च 2017 से 25 सितम्बर 2017 तक ) चलेगा |शिवराज सिंह चौहान की कुंडली के ग्रह योगों के कारण जून 2018 तक इनको पद परिवर्तन का योग बन रहा है। क्योंकि पहले और छठे भाव का स्वामी शुक्र उच्च का होकर बुध के साथ 11 वें भाव में है। हालांकि इसी समय शनि की महादशा दुश्मनों को ताकत भी देगी। उसके साथ पंचम और दूसरे भाव का स्वामी बुध भी है, जो लक्ष्मी नारायण योग भी बना रहा है। बुध नीच का है, लेकिन उच्च के शुक्र के साथ नीच भंग राज योग बन गया है। कुंडली में केतु शुभ स्थान में नहीं है। नवमांश में शुक्र धनु राशि में और बुध सिंह राशि में है। अत: शुक्र और बुध दोनों ही शुभ हैं और अच्छे स्थान पर बैठे हैं।
21 जून 2017 (बुधवार) को शनि का पुन: वृश्चिक राशि में प्रवेश भी शिवराज सिंह चौहान के साथ साथ भारत वर्ष के तटवर्ती (समुद्र के किनारे स्थित) राज्यों में सत्ता परिवर्तन करवा सकता हैं | महाराष्ट्र ,पश्चिम बंगाल.केरल,तमिलनाडु और आँध्रप्रदेश वाले विशेष सतर्क रहें | इसके साथ साथ शिवराज सिंह चौहान को आगामी श्रावण मास में सावधान/सतर्क रहना होगा क्यों की उनकी उपलब्ध कुंडली अनुसार श्रावण मास उनके लिए घात का कारक बनता हैं |
|| शुभम भवतु || कल्याण हो ||
Thank you very much .
पंडित “विशाल” दयानन्द शास्त्री,

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