अल्पसंख्यक आयोग अलगाववादी मानसिकता

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prabhu@321@201627 Jun 2017 3:38 AM GMT
अहमदाबाद। अल्पसंख्यक आयोग इस प्रकार का वातावरण बनाता है जैसे भारत में मुस्लिम व ईसाई समाज पीड़ित है। इससे 'अलगाववादी मानसिकता को विश्वसनीयता मिलती है'। अल्पसंख्यक आयोग को तत्काल भंग किया जाए गुजरात के खेड़ा जिले के वडताल में 24-25 जून को हुई विहिप की केंद्रीय शासी परिषद की बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया.
क्या है प्रस्ताव
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- वास्तव में ये न केवल हिंदू समाज अपितु अन्य अल्पसंख्यकों जैसे बौद्ध व सिख समाज पर भी बर्बर अत्याचार करते हैं।
- इसलिए जेहादी व मिशनरी पीड़ित नहीं अत्याचारी हैं।
- ये अल्पसंख्यक आयोग जैसी संस्थाओं का लाभ लेकर अपने लिए सहानुभूति अर्जित करते हैं, जिससे ये अपने हिंदू विरोधी व देश विरोधी षडयंत्रों को निर्बाध रूप से चलाते रहते हैं।
- विहिप ने इस प्रस्ताव में केंद्र सरकार से यह भी मांग की है कि संसद में अविलंब कानून लाकर राम मंदिर के निर्माण की दिशा में सार्थक कदम उठाए जाएं।
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