भारत और चीन की सेना आमने सामने - किसी भी वक्त कुछ भी हो सकता है

भारत और चीन की सेना आमने सामने - किसी भी वक्त कुछ भी हो सकता है

डेस्क - सिक्किम-भूटान-तिब्बत के ट्राई जंक्शन पर भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ते देख दोनों ही देशों ने अपने अपने 3-3 हज़ार सैनिक खड़े कर दिए है जब भारतीय सेना प्रमुख बिपिन रावत ने भी स्थिति का जायजा लेने के लिए गुरुवार को गंगटोक स्थित 17 माउंटेन डिविजन और कलिमपोंग स्थित 27 माउंटेन डिविजन का दौरा किया तो चीन ने इस दौरे को लेकर आपत्ति जतायी थी. चीन की लागतार चेतावनी के बाद भी भारत अपनी स्थिति पर बना हुआ है और स्पष्ट किया है कि यह ट्राइ-जंक्शन तक चीन की सड़क नहीं बनने देगा. भूटान ने भी डोका ला इलाके में चीन के सड़क निर्माण पर आपत्ति जताई है.

  • चीन दो दशकों से भूटान पर डोका ला इलाके से नियंत्रण छोड़ने का दबाव बना रहा है. जबकि भारतीय सेना के लिए डोका ला इलाका काफी संवेदनशील है क्योंकि यह रणनीतिक रूप से संवदेनशील माने जाने वाले सिलीगुड़ी कॉरिडोर के पास है.

चीन की तैयारी

  • विभिन्न रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन डोका ला में 'क्लास-40 रोड' बनाना चाहता है जिसके जरिए सेना का 40 टन का वाहन गुजर सके. गुरुवार को पीपल लिबरेशन आर्मी ने घोषित किया था कि उसने तिब्बत में 35 टन के नए टैंक का ट्रायल किया है. चीन लगातार अपने भारत के लिए आक्रामक रवैया अपना रहा है. वह भी ट्राइ-जंक्शन पर अपनी सेना भेजा रहा है.

भारत की तैयारी

  • भारतीय सेना फिलहाल इस मसले पर कुछ नहीं कह रही है. मीडिया खबरों के मुताबिक सालों से ट्राइ-जंक्शन पर सैनिक तैनात रहे हैं लेकिन डोका ला जनरल पर सैनिकों की हाल में हुई तैनाती काफी गंभीर है. दोनों ही देश अपने स्थान से हटना नहीं चाहते.
    सेना प्रमुख ने अपने दौरे में खासकर 17 डिविजन में सैनिकों की तैनाती पर ध्यान दिया. इन पर पूर्वी सिक्किम की रक्षा की जिम्मेदारी है. सेना प्रमुख के साथ बैठक में 33 कॉर्प्स और 17 डिविजन कमांडर्स समेत सभी प्रमुख अधिकारी मौजूद थे.

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