चीन को सता रहा मोदी का डर सरकारी अखबार ने रोया अपना दुखड़ा

चीन को सता रहा मोदी का डर सरकारी अखबार ने रोया अपना दुखड़ा

नई दिल्ली - जबसे भारत में मोदी की सरकार बनी है तब से चीन लगातार परेशान हैरान है हैरान है रोज कुछ न कुछ नए नए कारनामे कर रहा है | अब नया मामला दोक्लान का है जापान को सहयोग किये जाने के कारण भारत से वह खफा है | तिब्बत में सैन्य अभ्यास कर अपनी ताकत को भारत को दिखा रहा है | चीन के सरकारी अखबार ने जिस तरह से सम्पादकीय लिखा है उससे साफ़ है की भारत के प्रति उसके मन में हतासा और निराशा है और इसी कारण से वह लगातार युद्ध की धमकी दे रहा है | भारत द्वारा अमेरिका और जापान के साथ युद्ध आभास के बाद उसकी परेशानी और भी बढ़ गयी है |

देखिये क्या लिखा है सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने

  • भारत चीन के खिलाफ स्ट्रैटेजिक तरीके से अविश्वास पैदा कर रहा है.
  • यह चीन को अपना प्रतिद्वंद्वी और दुश्मन समझता है.लंबे समय से भारत यह प्रचारित करने की कोशिश कर रहा है कि चीन भारत को घेर रहा है.
  • चीन ने भारत को वन बेल्ट वन रोड में शामिल होने का न्योता दिया थी जिसके भारत ने गलत अर्थ निकाले.

  • चीन के विकास को भारत खतरे के तौर पर देखता है.
  • भारत में एक खास तरह का राष्ट्रवाद तेजी से बढ़ रहा है.
  • नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री के तौर पर निर्वाचित होने के बाद भारत में राष्ट्रवाद को बल मिला.
  • मोदी ने सत्ता में आने के लिए हिंदू राष्ट्रवाद का फायदा उठाया.
  • इसने एक तरफ तो देश में उनके सम्मान को बढ़ाने और देश पर कंट्रोल बनाने में उनकी मदद की वहीं दूसरी तरफ इसके चलते भारत में रूढ़िवादियों का प्रभाव बढ़ा है.
  • कूटनीतिक रूप से नई दिल्ली पर विदेशों से संबंधों, खासकर चीन और पाकिस्तान, पर कड़ाई से पेश आने का दबाव है. इस बार चीन के साथ सीमा विवाद भारत के धार्मिक राष्ट्रवाद की मांग पूर्ति के लिए है.
  • यदि धार्मिक राष्ट्रवाद अपने चरम पर आ गया तो मोदी सरकार कुछ नहीं कर पाएगी.
  • 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार मुस्लिमों के विरुद्ध होने वाली हिंसा को रोकने में असफल हुई है

चीनी सरकार द्वारा यह प्रोपोगंडा ऐसे समय फैलाया जा रहा है जब भारत और चीन के बीच भूटान के डोकलाम को लेकर तनाव जारी है. एक महीने से ज्यादा वक्त से भारतीय सेना डोकलाम में तैनात है और चीन लगातार भारत को युद्ध की धमकी दे रहा है. चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में लिखा है कि भारत लगातार चीन को उकसा रहा है और इसके साथ ही भारत में राष्ट्रवाद के नाम पर चीन विरोधी भावनाएं भड़काई जा रही हैं.


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