एक ऐसा समय था जब शाहरुख़ को रात गुजारनी पड़ती थी मुंबई के फूटपाथ पे

एक ऐसा समय था जब शाहरुख़ को रात गुजारनी पड़ती थी मुंबई के फूटपाथ पे

देस-(पियूष त्रिवेदी) येउस आदमी की कहानी है जिसने बचपन में अपने माँबाप को खो दिया था,ये एक ऐसी आदमी की कहानी है जो अपने शूल के दिनों में अपने टीचर व् से कहा करता था की मै एक एक्टर बनुगा और उस समय उसके क्लास्स्मेट उसका मजाक उड़ाते थे,ये एक एसे आदमी कहानी है जिसने बचपन से जवानी तक केवल अपनी जिंदगी में असफलता ही देखि लेकिन अपने प्रयासों में लगा रहा और आज दो दशक बाद उसने एक मुकाम हासिल करलिया जिसके कारन आज हम उसको जानते है शाहरुख़ के नाम से

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