लम्बी कतार में लगी है भक्तो की भीड़ जहा गिरा था माँ सती का सिर

लम्बी कतार में लगी है भक्तो की भीड़ जहा गिरा था माँ सती का सिर

डेस्क (ज्योति जैसवाल)कहा जाता लोगो को तो गुस्सा आता ही था| पर आज कुछ भगवन के बारे में पता चला की भगवान के बीच में क्रोध हुआ करता था| यहाँ तक ये भी पता चला की माँ सती पर इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ा था| ये माँ सती का मंदिर चबा-मंसूरी से लगभग 2 किलोमीटर माँ का मंदिर है जो एक पर्वत के पास बना है वह जाने से लोगो के पाप दूर हो जाते है| पर माँ सती के साथ कुछ ऐसा हुआ की राजा दक्ष ने कनखल में यज्ञ का आयोजन किया तो उसमें सभी देवताओं को आमंत्रित किया गया, लेकिन भगवान शिव को आमंत्रित नही किया तो शिव के मना करने पर भी शिव की पत्नी व राजा दक्ष की पुत्री यज्ञ में चली गई वहां उसका अपमान हुआ और वह यज्ञकुंड में कूद गई। इस पर शिव ने क्रोधित होकर सती का शव त्रिशूल में लटकाकर हिमालय में चारों ओर घुमाया भगवन विष्णु के सुदशन चक्र से सती का सर कट गया था और वो सिर सुरकुट पर्वत के पास गिर गया

जिससे वह का नाम सुरकुट पड़ गया ये एक ऐसा मंदिर है जो सिर्फ दशहरा के पवन अवसर पर खुलता है और एक ये भी मानता है की जब रजा भागीराथी को गंगा ला रहे थे तभी शिव के जटाऔ से निकलकर एक धारा शिरकुट पर्वत पर गिरी इससे के वजह से पर्वत के नीचे जल प्रवाह होता है जिससे वह इस पवन अवसर पर लोग वह स्नान करने आते है

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