क्यों मनाएं हिन्दू बिना पटाखों के दीपावली

क्यों मनाएं हिन्दू बिना पटाखों के दीपावली

डेक्स (पंडित दयानंद शास्त्री)

पटाखे भी अजीब हैं ।

नए साल पर 199 देशो में फूटते हैं तो खुशियां लाते हैं और दिवाली पे भारत मे फूटते हैं तो प्रदूषण करते हैं।

बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक नवंबर तक पटाखों की बिक्री पर बैन लगाने का फैसला लिया है।
दिल्ली-एनसीआर में दिवाली के मौके पर इस बार पटाखें नहीं बिकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने एक नवंबर तक पटाखों की बिक्री पर पाबंदी लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि दिवाली के बाद बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए ऐसा फैसला लिया गया है। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में गुहार लगाई गई थी कि कोर्ट 12 सितंबर के आदेश को वापस ले जिसमें कोर्ट ने शर्तों के साथ दिल्ली और एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर लगी रोक हटाई थी। इस दौरान अदालत ने एक कमेटी भी गठित करने का निर्देश दिया था। कोर्ट के इसी आदेश पर वायु प्रदूषण को लेकर याचिका लगाई गई थी और दोबारा से इस फैसले पर विचार करने की अपील की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट में आज (9 अक्टूबर) न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए.के. सिकरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने पटाखों को बैन करने के पुराने फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि, “हमें कम से कम एक दिवाली पर पटाखे मुक्त त्योहार मनाकर देखना चाहिए।” अदालत ने कहा कि दिल्ली एवं एनसीआर में पटाखों की बिक्री और भंडारण पर प्रतिबंध हटाने का 12 सितंबर 2017 का आदेश एक नवंबर से दोबारा लागू होगा यानी एक नवंबर से दोबारा पटाखे बिक सकेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री और भंडारण पर रोक लगाने वाले नवंबर 2016 के आदेश को बरकार रखते हुए यह फैसला सुनाया। न्यायाधीश न्यायमूर्ति एके सिकरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने फैसले को बरकरार रखते हुए कहा, "हमें कम से कम एक दीवाली पर पटाखे मुक्त त्योहार मनाकर देखना चाहिए।"वकील हरिप्रिया पद्मनाभन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पटाखे बेचने के लिए सभी अस्थाई लाइसेंस को रद्द कर दिए गए हैं। दिल्ली-एनसीआर में आज से पटाखों की ब्रिकी पर रोक लग जाएगी। लेकिव जो लोग पहले पटाखे खरीद चुके है,वे उन्हें जला सकेंगे। वकील पूजाधर ने पटाखों पर बैन लगने पर कहा कि एक नवंबर के बाद पटाखों की ब्रिकी पर लगी रोक खत्म हो जाएगी। वायू प्रदूषण पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर कोर्ट कोई भी फैसला ले सकता है। नवंबर 2016 में तीन बच्चों ने कोर्ट में याचिका दी थी, जिसमें पटाखों की बिक्री पर बैन का आदेश कायम रखने के लिए कहा गया था। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में दशहरे और दीवाली पर पटाखे जलाने पर पाबंदी लगाने की मांग की गई थी। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने भी तब याचिका देने वालों का समर्थन किया था।
दिल वाली दिल्ली इस बार बिना पटाखों के दिवाली बनाएगी। दरसल उच्चतम न्यायालय ने पटाखों की बिक्री पर पिछले साल लगाई रोक को बहाल रखा है। जिसके साथ ही 12 सितम्बर का आदेश को 1 नवंबर से लागू होगा।
इस आदेश के बाद 1नवंबर तक वे लोग पटाखे नहीं बेच पाएंगे जिन्होंने बिक्री के लिए पटाखे खरीद लिए थे। तो वंही दूसरी तरफ पटाखे फोड़ने पर कोई रोक नहीं है, जिन लोगों ने पटाखे खरीद लिए हैं वे लोग पटाखे फोड़ सकते हैं।
इस पर सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वे इस दिवाली पटाखों पर रोक से ये देखना चाहते हैं कि क्या इससे प्रदूषण के स्तर में कमी आती है। आपको बता दें कि बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल रोक लगा दी थी
कल न्यायलय का जो फैसला आया वह दुर्भाग्यपूर्ण है हालांकि इसी फैसले का अंदेशा था |
इस बार दीपावली को लेकर बहुत बड़ा हंगामा देश में होने जा रहा है |
क्या न्यायालय एक फैसले के द्वारा हमारी सहिष्णुता की टोह लेगा ??
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