लालू को जेल भेजने वाले आइपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना के नियुक्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट में फैसला सुरक्षित

लालू को जेल भेजने वाले आइपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना के नियुक्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट में फैसला सुरक्षित

नई दिल्ली - सीबीआई के नए नियुक्त हुए स्पेशल डायरेक्टर की दी गई नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चैलेन्ज दिए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद फैसले को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुरक्षित रख लिया गया है | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद खास माने जाने वाले राकेश स्थाना को केंद्र सरकार ने स्पेशल डायरेक्टर के रूप में तैनात किया था | यह वही आइपीस राकेश स्थान है जिन्होंने लालू यादव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर उनको गिरफ्तार किया था |यह नियुक्ति इसलिए सवालों के घेरे में है क्योंकि सीवीसी (केंद्रीय सतर्कता आयुक्त) केवी चौधरी की अध्यक्षता में इस समिति की बैठक के दौरान अस्थाना के नाम के प्रस्ताव को नामंजूर किया गया था फिर भी उनके नाम को मंजूरी दी गई।

राकेश अस्थाना के बारे में वकील प्रशांत भूषण ने भी सवाल उठाये थे उन्होंने कहा था कि अस्थाना का नाम स्टर्लिंग बायोटेक की डायरी में है। इस पर सीबीआई ने खुद एफआईआर दर्ज की है। इसके बावजूद सरकार ने सीबीआई का अतिरिक्त निदेशक

केंद्र सरकार ने रविवार को गुजरात कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष निदेशक पद पर पदोन्नत करने की घोषणा की है। यानी सीबीआई निदेशक अलोक वर्मा के बाद सीबीआई की कमान अब राकेश अस्थाना के पास होगी। इंडिया टुडे के मुताबिक सीवीसी (केंद्रीय सतर्कता आयुक्त) केवी चौधरी की अध्यक्षता में इस समिति की बैठक के दौरान अस्थाना के नाम के प्रस्ताव को नामंजूर किया गया था फिर भी उनके नाम को मंजूरी दी गई।

सीबीआई में अस्थाना के पास अगस्तावेस्टलैंड हैलीकॉप्टर रिश्वत कांड और दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के अफसरों के भ्रष्टाचार सहित अन्य कई महत्वपूर्ण जांचों की ज़िम्मेदारी है। सीबीआई में राकेश स्थाना मुलायम सिंह यादव, मायावती, ममता बनर्जी और अब लालू प्रसाद यादव और उनके पत्नी और बेटे जुड़े जुड़े मामलों की जांचों में शामिल रहे हैं।

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