परीक्षा केंद्र निर्धारण में बोर्ड को फिर गुमराह कर सकते है ,राम खेलावन वर्मा डी आई ओ यस गोंडा

परीक्षा केंद्र निर्धारण में बोर्ड को फिर गुमराह कर सकते है ,राम खेलावन वर्मा डी आई ओ यस गोंडा

डी आई ओ एस गोंडा और नकल माफियाओं के चोली-दामन साथ से अब भी मानक विहीन व दागी विद्यालय परीक्षा केंद्र बनने की दौड़ में आगे

गोण्डा (एच पी श्रीवास्तव) उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा का स्तर सुधारने के लिए जहां पूर्व जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने वर्ष 2016 - 2017 में एक रणनीति के तहत नकल विहीन परीक्षा संपन्न कराकर नकल माफियाओं की कमर तोड़ दी थी, वही इस वर्ष 2018 की बोर्ड परीक्षा में नकल माफियाओं से चोली दामन का साथ कर जिला विद्यालय निरीक्षक गोंडा रामखेलावन वर्मा ने मानक विहीन व दागी विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाया था !
इस प्रकरण को लगातार aapkikhabar.com द्वारा प्रमुखता से प्रकाशित करने पर जिला प्रशासन से लेकर सरकार ने भी इसे संज्ञान में लिया और बोर्ड परिषद की सचिव ने प्रदेश के समस्त डी आई ओ यस को निर्देश दिए कि वह केंद्र निर्धारण प्रस्ताव की आपत्तियां विद्यालय से मांग कर तत्काल परिषद की वेबसाइट पर अच्छी तरह परीक्षण कर 30 नवंबर तक डाउनलोड कर दे ! वही जनपद के जिलाधिकारी जे बी सिंह ने डी आई ओ एस गोण्डा की भ्रष्ट कार्यशैली को देखते हुए विद्यालयों के स्थलीय सत्यापन का कार्य जनपद के उप जिलाधिकारियों को सौंप दिया जिनके माध्यम से उपलब्ध सूचनाओं के आधार पर जनपद में बोर्ड परीक्षा केंद्र निर्धारण का प्रस्ताव बोर्ड की साइट पर अपलोड करा कर भेजा जाना है !

नकल माफियाओं कें रंग में रंग सत्यापन कर्ताओं ने दी प्रशासन को फर्जी रिपोर्ट

जिलाधिकारी गोण्डा ने मामले को गम्भीरता से संज्ञान में लेते हुए सभी विद्यालयों के स्थलीय सत्यापन की जिम्मेदारी सम्बधिंत उपजिलाधिकारियों को सौंप दी जिस पर सभी उपजिलाधिकारियों ने भूलेख राजस्व निरीक्षक व लेखपाल के द्वारा विद्यालयों का स्थलीय सत्यापन कराया परन्तु जनपद में नकल माफियाओं के फैले मकड़जाल से ये निरीक्षण कर्ता भी नहीं बच पाये, माफियाओ ने इन भूलेख निरीक्षक और लेखपालों को अपने रंग मेंं रगते हुए मनमानी रिपोर्ट लगवा दी इन रिपोटों के आधार पर जनपद के अधिकांश मानक विहीन विद्यलय के साथ दागी विद्यालय भी दागरहित बन गये और परीक्षा केन्द्र बनाये जाने की दौड़ मेआगे पाये जा रहे है !
आपकी ख़बर टीम के जांच पड़ताल में जनपद में बनाए गए परीक्षा केंद्र विद्यालयों की स्थिति मानक विहीन पायी जो परीक्षा केंद्र बनने लायक ही नहीं है जिसकी कुछ बानगी आप लोगों के सामने है !
जैसे --
केस नं. --
विद्यालय कोड संख्या -- 1230
स्वर्गीय राममूरत तिवारी आदर्श शिक्षा निकेतन इन्टर कालेज, भौकहवा, रामनगर का, विद्यालय प्रबंधक श्रीमती संजू तिवारी और प्रधानाचार्य लालसाहब तिवारी के निर्देशन में चल रहे इस विद्यालय में मात्र पाचं कमरे पूरी तरह व्यवस्थित पाये गये बाकी के कुछ कमरों न तो खिड़की मिली और न ही दरवाजे, बाउंड्री भी रामभरोसे इस विद्यालय के सभी कमरों की खिड़की बाहर की ओर खुलती है जिसमें न तो किसी तरह का ग्रिल ही लगा है और न ही किसी भी तरह का अवरोध ही है हैरानी की बात तो यह है कि 2011 में विज्ञान विषय सहित अन्य विषयों की मान्यता पाये इस विद्यालय में छह वर्षो बाद भी विज्ञान लैब का अता पता तक नहीं है। विद्यालय के मात्र चार कमरों में ही सीसीटीवी की व्यवस्था है बाकी कमरे किसी भी तरह की निगरानी से बाहर दिखे, शौचालय और पेयजल की भी व्यवस्था भी संतोषजनक नहीं पाई गई ।
इस विद्यालय का स्थलीय सत्यापन पूर्व में जिला विद्यालय निरीक्षक गोंडा द्वारा किया गया था !
पुन: क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा किये गये इस विद्यालय के सत्यापन की रिपोर्ट भी विद्यालय के मनसा अन्दूपुर शत प्रतिशत बना कर संबंधित लेखपाल ने अपने अधिकारियों को सौंप दी है ! इस मानक भीम परीक्षा केंद्र पर मात्र 200 बच्चों की परीक्षा के लिए उपयोगी पाचं कमरों वाले इस विद्यायल को लगभग 650 बच्चों की जिम्मेदारी विभाग द्वारा सौंप दी गयी है ।

केस नंबर -- 2
विद्यालय कोड संख्या--1229
बाबा महेश दास इन्टर कालेज विशम्भरपुर गोण्डा पूरी तरह पूर्ण पांच कक्ष के सहारे चल रहे इस विद्यालय के गन्दगी से बजबजा और टूटे फूटे दरवाजे वाले अपर्याप्त शौचालय ही बयां कर रहें है कि इस संस्थान का सत्यापन कितनी ईमानदारी से किया गया है। उर्मिला देवी के प्रबंधन और प्रधानाचार्य रक्षाराम शुक्ल के निर्देशन में चल रहे इस विद्यालय में भी मात्र 200 बच्चों की परीक्षा की व्यवस्था होते हुए 744 बच्चों की परीक्षा की जिम्मेदारी विभाग ने सौंप दी गयी।
इस विद्यालय का स्थलीय सत्यापन पूर्व में जिला विद्यालय निरीक्षक गोंडा व पुन: राजस्व कर्मियों द्वारा विद्यालय के मनसानुरूप शतप्रतिशत लगाकर रिपोर्ट भेजी जा चुकी है !

केस नंम्बर --3
विद्यालय कोड संख्या- 1171
भौकहवा रामनगर में स्थित विद्यालय श्री राजाराम त्रिपाठी इन्टर कालेज का तो यहां पर विद्यालय के नाम पर मात्र कुछ कमरे ही बने मिले और वह भी पूरी तरह अव्यवस्थित, न तो किसी कमरे का दरवाजा ही मिला और न खिडकी, शौचालय और पेयजल की व्यवस्था भी नगण्य ही थी ! इस विद्यालय में तो सीसीटीवी की बात करना ही बेमानी होगी, कच्चे पगडडियों के रास्ते विद्यालय पहुची हमारी टीम विद्यालय की स्थिति देख दंग रह गयी कि इसे किस तरह के अधिकारियों व कर्मचारियों के सत्यापन ने 725 बच्चों का परीक्षा केन्द्र बनाने की अनुमति प्रदान कर दी है यह एक सोचनीय विषय है । जबकि देखा जाये तो इस विद्यालय में 100 से 150 बच्चें ही किसी तरह बैठ कर परीक्षा में भाग ले सकते है। बात की जाये बाउंड्री की तो यहां भी कमोवेश उपर दर्शाये गये विद्यालयों की ही स्थिति दिखी।
सवाल यह उठता है कि जब इसी तरह मानक विहीन विद्यालयों के जिम्मे बोर्ड की परीक्षाएं रहेंगी तो उसका अंजाम क्या होगा यह कुछ छिपा नहीं है ! इससे यही प्रतीत होता है कि जिला प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम में नकल माफियाओं ने सेंध मार कर उनके मंसूबों पर पानी फेरने का प्रयास किया है और एक बार फिर पूर्व वर्षो की भांति नकल माफियाओं के ढंग के बोर्ड परीक्षा में बजने के आसार दिखाई पड़ रहे हैं !

बोर्ड परिषद की सचिव ने भी माना के डी आई ओ एस है इसके जिम्मेदार
माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव नीना श्रीवास्तव ने भी जिला विद्यालय निरीक्षक गोंडा पाली पर सख्त नाराजगी जताई और उन्होंने कहा कि यह समस्या जिलों द्वारा उपलब्ध कराई गई त्रुटि पूर्ण सूचना व समय से उनका निपटारा न करने से आई है ! जिला विद्यालय निरीक्षक गोंडा गैर जिम्मेदारी पूर्ण कार्यवाही से परिषद की छवि आम जनमानस में धूमिल हो रही है !

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