भूख मिटाने निकले हाथियों की ट्रेन से कट कर मौत

भूख मिटाने निकले हाथियों की ट्रेन से कट कर मौत

गुवाहाटी - लगभग 30 हाथियों का झुंड रेलवे क्रॉसिंग का अवरोधक तोड़कर रेलवे ट्रैक पार करने की कोशिश कर रहा था और उसी दौरान गुवाहाटी-नाहरलागुन एक्सप्रेस वहां पहुंच गई।
असम के सोनितपुर जिले में रविवार तड़के एक तेज रफ्तार ट्रेन की टक्कर से कम से कम छह हाथियों की मौत हो गई। अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी। पिछले 100 दिनों में 40 हाथियों की अप्राकृतिक रूप से मौत हो गई।

पूर्वोत्तर फ्रंटियर रेलवे (एनएफआर) के अधिकारियों ने बताया कि यह घटना बालीपाड़ा और धलाईबिल स्टेशनों के बीच 135 किलोमीटर दूरी पर हुई। एक अधिकारी ने कहा, “नोटिफाइड हाथी कॉरिडोर 131 और 144 किलोमीटर पर है। इसलिए यह दुर्घटना नान नोटिफाइड क्षेत्र में हुई है। हाथियों का दाल खाने की तलाश में ट्रैक पर कर रहा था ।

स यह घटना तड़के करीब 1.30 बजे हुई,घटना के बाद, एनएफआर के रंगिया डिविजन ने क्षेत्र में ट्रेन को 30 किमी प्रति घंटा से अधिक रफ्तार से चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
इसके पहले भी 19 नवंबर को गुवाहाटी के समीप ठाकुरकुचि रेलवे स्टेशन के पास तेज रफ्तार ट्रेन की टक्कर से दो हाथियों की मौत हो गई थी। भोजन की तलाश में पास के जंगल से एक हाथी का झुंड निकल आया था और घटना तब घटी, जब वे क्षेत्र के रेलवे ट्रैक को पार करने का प्रयास कर रहे थे।


कई वन्यजीवन गैर सरकारी संगठनों ने भी इस तरह की त्रासदी को रोकने के लिए असम सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। साथ ही असम वन विभाग और एनएफ रेलवे से पटरियों को प्रकाश में लाने और चेतावनी प्रणाली स्थापित करने व गति सीमा को तत्काल लागू करने का अनुरोध किया है।

उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि खुले इलाके में पटरियों के दोनों किनारों पर से घास को हटाया जाए, ताकि हाथी खाने की तलाश में पटरियों के पास नहीं आएं।
वन्य जीवों को बचाने के लिए गैर सरकारी संगठन जहां मुहिम चला रहे हसीन उसके बावजूद इस तरह की घटना चिंता का विषय है ।

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