इस वजह से मिलता है होटलों में महंगा बोतलबंद पानी

इस वजह से मिलता है होटलों में महंगा बोतलबंद पानी


सुख सुविधाओं पर खर्च करता है होटल ,क्यों बेचे एमआरपी पर पानी
डेस्क - होटल और रेस्तरां में बेचे जाने वाले बोतलबंद पानी पर लीगल मेट्रोलोजी एक्ट लागू नहीं होगा। इसलिए यदि वे एमआरपी से अधिक मूल्य पर ये उत्पाद बेचते हैं तो उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती।
सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि होटल और रेस्तरां अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर पैक किए हुए उत्पाद बेचने को बाध्य नहीं हैं। होटल काफी निवेश करता है लोगों को सुख सुविधाएं देने के लिए इसलिए एमआरपी पर पानी बेचने के लिए उसे बाध्य नही किया जा सकता है ।


जस्टिस आर.एफ. नारीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह फैसला देते हुए कहा कि होटल और रेस्तरां में बिक्री और सेवा के संयुक्त तत्व होते हैं, यहां ग्राहकों को सुखद एवं आरामदायक वातावरण दिया जाता है जिसमें काफी निवेश किया जाता है। यह साधारण बिक्री का मसला नहीं है। कोई व्यक्ति होटल में सिर्फ पानी की बोतल लेने नहीं जाता।

कोर्ट ने केंद्र सरकार का यह तर्क खारिज कर दिया कि होटल में भी बिक्री पर मेट्रोलोजी एक्ट लागू होगा और वे एमआरपी से अधिक दाम पर वस्तुएं नहीं बेच सकते। एमआरपी से ज्यादा कीमत वसूलने पर जेल की सजा का प्रावधान है।

इससे पूर्व उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने होटल एंड रेस्तरां फेडरेशन ऑफ इंडिया की याचिका के जवाब में कहा था कि प्रीपैक्ड और प्रीपैकेज्ड पदार्थों/उत्पादों पर एमआरपी से ज्यादा मूल्य वसूलना लीगल मेट्रोलाजी एक्ट के तहत अपराध है। सरकार ने कहा था कि होटल और रेस्तरां में एमआरपी से ज्यादा मूल्य पर उत्पाद बेचने से सरकार को कर की हानि भी होती है।

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