संसद प्रियंका रावत मामले में क्यों मौन है सीएम और पीएम ,एसडीएम ने कराया सांसद के करीबियों केखिलाफ मुकदमा

संसद प्रियंका रावत मामले में क्यों मौन है सीएम और पीएम ,एसडीएम ने कराया सांसद के करीबियों केखिलाफ मुकदमा
  • बदसलूकी के खिलाफ एसडीएम ने सांसद प्रतिनिधि सहित 25 अन्य के खिलाफ लिखाया मुकदमा
  • सरकारी कार्य मे बाधा डालने का आरोप ।

बाराबंकी -सत्ता के नशे ने चूर भाजपाइयों और अतिक्रमणकारियों में अंतर ही नही रह गया है । एक तरफ योगी सरकार सख्त कार्रवाई का निर्देश दे रही है वहीं उन्ही के लोग सरकार की किरकिरी करा रहे हैं अब नौबत यहां तक आ गई कि एसडीएम को सांसद के प्रतिनिधि समेत उनके गुर्गों के खिलाफ मुकदमा कायम कराना पड़ा । लेकिन सबसे जो महत्वपूर्ण है कि सांसद द्वारा खुलेआम एसडीएम से गुंडागर्दी करने के बावजूद अभी तक तेज तर्रार माने जाने वाले प्रदेश के सीएम योगीऔर न ही पीएम इस मामले में कुछ बोल रहे हैं ।

बताते चले कि यह वही सांसद प्रियंका रावत हैं जिन्होंने निर्वाचित होते ही अपने पिता को ही अपना प्रतिनिधि बना लिया था लेकिन पीएमओ से फटकार पाने के बाद उन्हें हटाया गया ।

दो दिन पूर्व सफदरगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत चैला गांव में भाजपा के नेता द्वारा किये गए अवैध अतिक्रिमण हटाने गयी एसडीएम की अगुवाई में राजस्व विभाग की टीम से भाजपा सांसद प्रियंका रावत व उनके प्रतिनिधियों द्वारा बदसलूकी मामले ने नया मोड़ ले लिया है दो दिन बाद घटना से आहत एसडीएम सिरौली गौसपुर अजय द्ववेदी के साथ नायब तहसीलदार व लेखपाल ने सफदरगंज थाने में 2 सांसद प्रतिनिधियों व अतिक्रमण करने वाले भाजपा नेताओं सहित 25 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ़ सरकारी कार्य मे बाधा पहुँचाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है ।


- आपको बताते चलें की पिछले दो दिन पूर्व मंगलवार की देर शाम भाजपा के नेताओं पर अवैध अतिक्रमण कर कब्ज़ा किये जाने की कार्यवाही करने एसडीएम अजय दिवेदी अपनी राजस्व की टीम के साथ चैला गांव पहुचे जहां पर अपने प्रतिनिधियों और समर्थकों के साथ पहुची भाजपा सांसद प्रियंका रावत ने ना केवल एसडीएम को खरी खोटी सुनाते हुए प्रोटोकॉल में रहने की नसीहत दी थी बल्कि एसडीएम को बाराबंकी में जीना मुश्किल कर डालने जैसी धमकी भी दी थी , सिर्फ सांसद ही नहीं बल्कि उनके दो प्रतिनिधि राजेश वर्मा और रमेश चंद्रा ने भी एसडीएम से बेहद अभद्र व्यवहार किया था यह बात एसडीएम को नागवार गुज़री और वह छुट्टी लेकर चले गए थे पूरी घटना का वीडियो भी वायरल हो गया था और घटना को न्यूज़ चैनलों पर भी प्रमुखता से प्रसारित किया गया था ।


आज वापस लौट कर उसने के बाद उन्होंने अपने सहयोगी व मौके पर मौजूद रहने वाले नायब तहसीलदार व लेखपाल के साथ सफदरगंज थाने में पहुचकर सांसद प्रतिनिधियों व 25 अन्य कर खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के तहत सरकारी कार्य मे बाधा डालने का मुकदमा दर्ज करा दिया है , लेकिन गौरतलब बात यह है कि इस पूरे मामले में मुख्य किरदार रहीं भाजपा सांसद प्रियंका रावत का सत्ता के दबाव के चलते कहीं भी नाम नहीं है । खैर वजह कुछ भी हो लेकिन जब तक असली गुनाहगार भाजपा सांसद की बदज़ुबानी पर लगाम नही लगाई जाएगी तब तक ऐसी घटनाएं आयेदिन होती रहेंगी ।

सपा नेता केसी जैन ने कहा है कि भाजपा सरकार में अधिकारी इतने डरे सहमे हुए हैं कि सरेआम बदसलूकी करने के बावजूद अधिकारी सांसद के खिलाफ कार्रवाई के लिए मुकदमा नही करा पा रहे है। यह वही भाजपा है जो वीआईपी कल्चर खत्म करने की बात कहती है लेकिन उनका सांसद जो कम से कम 5 से 6 विधायकों से ज्यादा जनता का प्रतिनिधित्व करता है उनके साथ भाजपा का सांसद जब इस स्तर की अभद्रता करता है तो इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था का क्या हाल है ।

Share this story