सांसद के खिलाफ करो कार्रवाई अपराधियों को संरक्षण देती हैं ,पार्टी हो रही है बदनाम

सांसद के खिलाफ करो कार्रवाई अपराधियों को संरक्षण देती हैं ,पार्टी हो रही है बदनाम
  • भाजपा सांसद के खिलाफ खड़ा हुआ भाजपा का वरिष्ठ नेता ,
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी , राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह
  • ,मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय से की कार्यवाई की माँग ।


बाराबंकी -सांसद ने हुई अपने को कानून और पार्टी से ऊपर समझ लिया जो अधिकारी अर्दब में नही आया उसे आरोपों के लपेटे में ले लिया । बात वही पुराने धमकाने वाले सांसद की अब अधिकारी की तो बात छोड़िये पार्टी के कार्यकर्ता और वरिष्ठ नेता भी इस सांसद प्रियंका रावत से त्रस्त हो गए हैं । लेकिन पार्टी है कि अभी भी शांत बैठी हुई है ।
अपनी विवादित कार्यशैली से चर्चा में रहने वाली बाराबंकी से भाजपा सांसद प्रियंका सिंह रावत की मुश्किलें बढ़ती जा रही है । उनकी मुश्किल बढ़ाने का कारण कोई और नही बना बल्कि उनकी अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक बन गए है । बाराबंकी में यह नेता सबसे ज्यादा जनाधार वाला नेता माना जाता तो है ही साथ -साथ यह केन्द्रीय गृह मन्त्री राजनाथ सिंह का करीबी माना जाता है । इस नेता ने अपने पत्र में सांसद पर गम्भीर आरोप लगाते हुए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से कार्यवाई की माँग की है । सांसद द्वारा उच्च जाति के अधिकारी के साथ कठोर व्यवहार का जिक्र करते हुए कहा कि सांसद का व्यवहार तो निन्दनीय है ही साथ -साथ उनकी कार्यशैली से भाजपा की साख गिरती जा रही है ।


हम बात कर रहे है बाराबंकी से भाजपा सांसद प्रियंका सिंह रावत की । जो शुरू से ही अपनी विवादित कार्यशैली से चर्चा में रही है । आज बाराबंकी के वरिष्ठ भाजपा नेता और हैदरगढ़ से पूर्व विधायक सुन्दर लाल दीक्षित ने अपनी ही सांसद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है । दीक्षित का यह विरोध सांसद को काफी मँहगा पड़ सकता है क्योंकि जनपद में उनसे बड़ा जनाधार वाला नेता शायद ही कोई हो। दीक्षित गृहमन्त्री राजनाथ सिंह के काफी करीबी माने जाते है । दीक्षित ने सांसद पर गम्भीर आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी , राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह , मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय से सांसद पर कार्यवाई की मांग की है ।

दीक्षित ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री को याद दिलाया है कि कैसे उनकी मन्शा के उलट सांसद ने अपने ही पिता को अपना प्रतिनिधि बनाकर प्रधानमंत्री के आदेशों की अवहेलना की थी । तब प्रधानमंत्री के सीधे हस्तक्षेप के बाद सांसद ने अपने फैसले को बदला था । प्रधानमंत्री को याद दिलाया कि कैसे सांसद ने उनके ड्रीम प्रोजेक्ट सांसद आदर्श ग्राम योजना का मज़ाक बना कर गाँव गोद लेने के बाद दोबारा गाँव की ओर मुड़कर नही देखा । प्रधानमंत्री को इस बात से भी अवगत कराया कि सांसद ने हाल ही में 20,000 स्क्वायर फिट में अपना आलीशान मकान का निर्माण कराया जो उनकी आय से कई गुना ज्यादा है । इस मकान की वजह से भी सांसद पार्टी की साख को बट्टा लगा रही है ।


दीक्षित ने अपने पत्र में सांसद पर आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को संरक्षण देने के गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा है कि सांसद द्वारा हाल ही में आईएएस और सिरौलीगौसपुर के उपजिलाधिकारी अजय द्विवेदी द्वारा चर्चित विवाद इसका जीता जागता उदाहरण है । जिसमे सांसद उस व्यक्ति का पक्ष लेती दिखीं जिसने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा था । ऐसे व्यक्ति के लिए सांसद ने अजय द्विवेदी से अभद्रता और हाथापाई की । दीक्षित ने आरोप लगाते हुए कहा कि सांसद का उच्च जाति के अधिकारियों से बहुत रूखा व्यवहार रहा है । जिलाधिकारी योगेश्वरराम मिश्रा से विवाद , जिलाधिकारी अजय यादव से विवाद , अपर पुलिस अधीक्षक कुँवर ज्ञानंजय सिंह को सार्वजनिक तौर पर बेइज़्ज़त करने का विवाद , आईएएस अजय द्विवेदी से हाल ही में विवाद और मुकदमा लिखे जाने के बाद जिलाधिकारी अखिकेश तिवारी से विवाद इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है ।

दीक्षित ने भाजपा के शीर्ष नेताओं से सांसद के खिलाफ कार्यवाई की माँग करते हुए कहा है कि सांसद पार्टी की गरिमा गिरा रही है , प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के आदेशों का मज़ाक उड़ा रही है , न्यायालय और शासन की मन्शा को दरकिनार कर रही है । सांसद की कार्यशैली से भाजपा को सिर्फ नुकसान ही नही हो रहा है बल्कि भाजपा की रीति -नीति से अंजान सांसद की कार्यशैली से पार्टी बदनाम भी हो रही है । दीक्षित ने पार्टी नेतृत्व से सांसद पर शीघ्र कार्यवाई करने की माँग की है ।


कुछ भी हो मगर भाजपा के अन्दर से ही भाजपा सांसद के खिलाफ आवाज उठना सांसद को पेशोपेश में डाल सकता है और इतने कद्दावर नेता का खुलकर उनके खिलाफ मुखर होना उनके लिए काफी मँहगा पड़ सकता है ।

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