इस आर्टिकल को पढ़कर आपकी आँखों में आंसू आ जायेंगे

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डेस्क- हम प्रतिदिन सुबह होते ही भगवान का नाम लेते है और उनके चरणों में अपने सिर को झुकाते है इंसानी प्रवृत्ति है कि अधिकतर इंसान किसी के सामने झुकना पसंद नही करते है,पर भगवान के चरणों मे सभी खुद को नतमस्तक कर देते है, शायद हमारी यही आस्था है और हमें मालूम होता है कि हम जिसके आगे सिर झुका रहे है वह हमारी प्रार्थना सुन रहा है। जब भी हम तकलीफ में होते है और खुद को अकेला महसूस करते है तब भगवान को ही याद करते है। इतनी आस्था है हमारी भगवान में लेकिन फिर भी हम कितना गलत कर रहे है। हमें खुद ही नही पता, कि ईश्वर के प्रति अपनी आस्था का हम लोग कैसे अपमान कर रहे है? इसके लिए कोई और नही , हम लोग ही जिम्मेदार है।अब तक आप मेरी बातों से समझ चुके होंगे कि मै किस बारे मे बात कर रही हूँ

अगर नही समझ पाए तो मैं आपको बताती हूं कि हम कैसे अपमान कर रहे है भगवान की तस्वीर मन्दिर मे ही अच्छी लगती है या फिर हमारे आपके दिलों में न कि अखबारों,अगरबत्ती के डिब्बों, शादी के कॉर्डो पर, अब तो हर चीज में भगवान की तस्वीरों को लोग छापते है जो कि बहुत निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है। हम कैसे अपने ही हाथों से अपनी आस्था का अपमान कर रहे है शायद इसका हम लोगों को आभास तक नहीं है। हम हिंदू है कितना गर्व से कहते है पर हिन्दू होने का फर्ज कभी नही निभाते हैं। हम लोगों की ईश्वर के प्रति आस्था केवल कहने तक सिमट कर रह गई है।

देश के राजनेताओं ने हमेशा धर्म की बात करके अपना राजनीतिक स्वार्थ हासिल किया है लेकिन किसी ने हिन्दू देवी-देवताओं के हो रहे अपमान का जिक्र तक नही किया।आख़िर कब तक हम अपनी आस्था को पैरों तले कुचलते रहेंगे ?अब तो हमलोगों को अपनी आंखे खोलनी चाहिए और इसके लिए सरकार से मांग करनी चाहिए कि हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरों की इस तरह से छपाई पर तुरन्त रोक लगाई जाए, जिससे कि हिंदू धर्म के लोगों की भावनाओं को आहत होने से रोका जा सके।अपनी बात को जनता और सरकार तक पहुंचाना चाहती हूँ, जो सही है वहीं लिखने की कोशिश की है, और सही बात को कहने से मैं डरती नहीं।

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