पाकिस्तान परस्त मुस्लिमों को चौंका सकती है यह खबर
डेस्क - पाकिस्तान का चेहरा एक बार फिर से बेनकाब हुआ है और इसे बेनकाब करने में पाकिस्तान में बसे उन मुसलमानों ने किया है जो 1947 में पार्टीशन के समय भारत छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे लेकिन अब यही पाकिस्तान उन्हें रास नहीं आरहा है | यह संकेत उन अलगाववादियों और पाकिस्तान परस्त भारत में रहने वाले मुसलमानों के लिए भी बेहद कडा है जो रहते भारत में हैं और गाते हैं पाकिस्तान की | हुआ यूँ की अभी बीते दिनों में अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को नोटिस जारी किया है और उन्हें चेतावनी दी है की वह आतंकियों की शरण स्थली न बने | पाकिस्तान को अमेरिका से लगातार मिल रही चेतावनी के बावजूद अभी भी वह आतंकियों को समर्थन देता रहा है इसलिए वह अमेरिका के निशाने पर एक बार फिर से है |
मुहाजिरों के संगठन जो अमेरिका में रह रहे हैं उन्होंने ट्रंप के इस कदम का स्वागत किया है और कहा है की अगर उन्हें मौका मिले तो पाकिस्तान से कट्टरपंथियों और आतंकियों के खिलाफ मुहीम चलाने में अमेरिका का समर्थन करेंगे |
अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने अपने अफगानिस्तान के दौरे पर ट्रंप द्वारा उठाये गए कदम क्वे बारे में यह बातें कही थी विश्व मुहाजिर कांग्रेस (डब्ल्यूएमसी) ने अफगानिस्तान में पेंस द्वारा इस संबंध में हालिया बयान का स्वागत किया।
संगठन ने यह भी कहा है की पकिस्तान में मुहाजिरों के साथ सही बर्ताव नहीं किया जाता है और य्न्हें अलग थलग ही रखा जाता जाता है | पाकिस्तान में कट्टरपंथियों का बोलबाला है | उप राष्ट्रपति पेंस ने मुहाजिरों की तारीफ़ की है और कहा है की यह प्रोग्रेसिव लोग हैं |
ट्रंप द्वारा उठाये जा रहे कदम से पकिस्तान की मुस्लिम देशों में ही काफी किरकिरी हो रही है जो अपने को मुस्लिमों का रहनुमा होने का दिखावा करता है |