जानिए GST के बाद का पहला बजट क्या ख़ास लेकर आ रहा है

जानिए GST के बाद का पहला बजट क्या ख़ास लेकर आ रहा है

डेस्क- GST लागू होने के बाद यूनियन बजट 2018 केंद्र सरकार का यह पहला बजट होगा नई टैक्स की वजह से आए बदलाव का असर आने वाले बजट में जाएगा सबसे दिलचस्प बात यह रहेगी कि वित्त मंत्री अरुण जेटली अपने बजट में टैक्स के नियमो की डिटेल कैसे पेश करें।केंद्र का बजट दो भागों में बंटा होता है सेक्शन A ,सेक्शन B पहले सेक्शन A में कई क्षेत्रों के लिए आवंटित रकम और सरकार की नई योजनाओं की घोषणा के बारे में होता है और दूसरा सेक्शन B में डायरेक्ट और इनडायरेक्ट दोनों तरह के टेक्स प्रस्ताव पेश किये जाते है।

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डायरेक्ट टैक्स में इनकम टैक्स(IT) कॉर्पोरेट टैक्स आदि आते हैं जबकि इनडायरेक्ट टैक्स में जीएसटी से पहले के सर्विस टैक्स, एक्साइज ड्यूटी, वैल्यु ऐडेड टैक्स (VAT) ऑक्ट्रॉई आदि शामिल होते हैं जुलाई 2017 के बाद दर्जनों से ज्यादा इनडायरेक्ट टैक्स वस्तु एवं सेवा कर (GST) में मिला दिए गए हैं। केवल कस्टम्स ड्यूटी जीएसटी से बाहर है इसलिए वित्त मंत्री अरुण जेटली को इन सभी पर ध्यान देना होगा क्योंकि ये सब आगे होने वाली है।

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पिछले वर्ष के बजट में डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स बराबर था। इस साल का बजट वित्त मंत्री जेटली के सामने इनडायरेक्ट टैक्सेज में उतार-चढ़ाव बहुत कम रह जायेंगे पिछले साल के बजट में इनडायरेक्ट टैक्स में सर्विस टै्क्स 14.2 प्रतिशत था तब कस्टम्स ड्यूटी से प्राप्त रेवेन्यू से भी रकम सर्विस टैक्स से प्राप्त होने का अनुमान लगाया गया था। पिछले 20 वर्षों में सर्विस टैक्स बढ़कर 239 गुना हो चुका है। ज्यादातर सर्विसेज को 12 और 18 प्रतिशत टैक्स की लिस्ट में रखा गया है जबकि जीएसटी से पहले सभी सेवाओं पर एकसमान 15 प्रतिशत टैक्स लगता था।

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इनडायरेक्ट टैक्स में शिक्षा और कृषि जैसे कुछ उपकरों समेत कई तरह के सेस भी शामिल हैं जो पहले सुपर टैक्सेज माने जाते थे ये सुपर टैक्स अन्य टैक्स के ऊपर टैक्स के रूप में लगाए जाते थे अब पेट्रोलियम पदार्थों पर लगने वाले सेस को छोड़कर सभी तरह के उपकरों को वस्तु एवं सेवा कर में ही जोड़ा जा चुका है।

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