इन राशियों वालो को है शनि का दोष तो इस मकर संक्रांति पर करे ये उपाय

डेस्क-ज्योतिष शास्त्र में मकर संक्रांति पर्व को सूर्य राशि में होने वाले परिवर्तन के रूप में मनाया जाता है। मकर संक्रांति के दिन ही सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण की तरफ होते हैं। इसलिए मकर संक्रांति को कहीं-कहीं उत्तरायणी भी बोला जाता है। यदि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इसको देखा जाए तो, यह पौष मास में जब सूर्य कुंभ राशि को छोड़कर मकर राशि में जाती है। तो यह पर्व मकर संक्रांति के रूप में मनाया जाता है।

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मकर संक्रांति के पर्व को जिस प्रकार भारत के विभिन्न जगहों पर अलग अलग नामों से जाना जाता है। और इस पर्व के मौके में तिल का अन्यान्य का महत्व है। इस दिन तिल का खास महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि यदि मकर संक्रांति के अवसर पर हम तिल का सेवन करते हैं, तो यह धार्मिक नहीं बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।

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लोगो को तिल दान करते है
मकर संक्रांति के दिन यदि आप तिल का दान करते हैं तो, इससे अशुभ ग्रह कर जाते हैं। और शास्त्रों के अनुसार मकर संक्रांति के दिन तिल का दान करने से शनि के कुप्रभाव भी कम होने लगते हैं। और तिल के सेवन से पापों से भी मुक्ति मिलती है। और साथ ही मकर संक्रांति के दिन तिल मिश्रित जल में स्नान करने से कई प्रकार के रोगों का नाश होता है।

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भगवान विष्णु की पूजा करें

यदि हम माघ मास में तिल और जल मिलाकर भगवान विष्णु की पूजा करें तो, जीवन में आने वाली सभी बाधाओं और कष्टों का नाश हो जाता है। साथ ही साथ राहु और शनि दोष भी खत्म हो जाते हैं। इसके अलावा तिल का और भी विशेष महत्व है। शादी के टाइम शरीर का तापमान काफी कम हो जाता है। ऐसे में हमें अपने शरीर के तापमान को बैलेंस करना पड़ता है। तिल और गुड़ गर्म होते हैं। और यह शरीर को गर्म रखते हैं। सर्दी के मौसम में तिल और गुड़ से बने लड्डू खाने से जुकाम और खांसी जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।

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