रावण ने यहां बनाई थी स्वर्ग की सीढ़ी, भारत में आज भी है मौजूद

रावण ने यहां बनाई थी स्वर्ग की सीढ़ी, भारत में आज भी है मौजूद

डेस्क-रावण के पिता ब्राम्हण थे और माता एक राक्षस कन्या। इसलिए रावण में दोनों के गुण थे। माना जाता है कि रावण ये तो जानता था कि राम के हाथों एक न एक दिन उसकी मृत्यु होगी, लेकिन वह कभी नहीं चाहता था कि समस्त राक्षस जाति का अंत हो जाए। इसलिए उसने अपनी मायावी शक्तियों से स्वर्ग तक पहुंचने की सीढ़ी बनाई।

इसके चलते उसने भगवान कि तपस्या कर उनसे अमृत मांग था। इस दौरान उसने अमरता पाने के लिए पौड़ियों का निर्माण भी कराया उसी बीच सीधे स्वर्ग तक की सीढ़ी बननी शुरू हुई। पहली पौढ़ी जो उसने हरिद्वार में बनाई उसे ‘हर की पौड़ी’ के नाम से जाना जाता है।

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दूसरी पौड़ी उसने हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले से 600 किलो दूर बनाई जो आज पौड़ीवाला मंदिर के नाम से जानते हैं। तीसरी चुड़ेशवर महादेव और चौथी पौड़ी उसने किन्नर कैलाश में बनाई। इन चार पौड़ियों का निर्माण होते-होते रात हो गई और रावण थककर चूर हो गया था जिसके बाद वह सो गया और सुबह जब उसकी नींद खुली तो स्वर्ग की सीढ़ियों का निर्माण अधूरा रह गया। इसी कारण से वह असुरों को स्वर्ग तक नहीं पहुंचा सका|

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