शनि के भाव के अनुसार आज के दिन करें यह काम चमक जाएगी किस्मत

शनि के भाव के अनुसार आज के दिन करें यह काम चमक जाएगी किस्मत

डेस्क -आज शनिवार हैं। आइए आज चर्चा करते हैं शनिदेव का बारह भाव मे फल ओर उसके उपाय पर .......

यह होगाशनि का पहले भाव में फल---

पहला घर सूर्य और मंगल ग्रह से प्रभावित होता है। पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि लग्न या जन्म कुण्डली के पहले घर में शनि तभी अच्छे परिणाम देगा जब तीसरे, सातवें या दसवें घर में शनि के शत्रु ग्रह न हों।

यदि, बुध या शुक्र, राहू या केतू, सातवें भाव में हों तो शनि हमेशा अच्छे परिणाम देगा।

यदि शनि नीच का हो और जातक के शरीर में बाल अधिक हों तो जातक गरीब होगा। यदि जातक अपना जन्मदिन मनाता है तो बहुत बुरे परिणाम मिलेंगे हालांकि जातक दीर्घायु होगा।

इन उपाय से होगा लाभ--
(1) शराब और मांसाहारी भोजन से स्वयं को बचाएं। (2) नौकरी और व्यवसाय में लाभ के लिए जमीन में सुरमा दफनायें।
(3) सुख और समृद्धि के लिए बंदरों की सेवा करें।
(4) बरगद के पेड़ की जड़ों पर मीठा दूध चढानें से शिक्षा और स्वास्थ्य में सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।

यह रहेगा शनि का दूसरे भाव में फल--

जातक बुद्धिमान, दयालु और न्यायकर्ता होगा। वह धन का आनंद लेगा और धार्मिक स्वभाव का होगा। ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि भले ही शनि उच्च का हो या नीच का, यह नतीजा आठवें भाव में बैठे ग्रह पर निर्भर करेगा। जातक की वित्तीय स्थिति सातवें भाव में स्थित ग्रह पर निर्भर करेगी।

परिवार में पुरुष सदस्यों की संख्या छठवें भाव और आयु आठवें भाव पर निर्भर करेगी। जब शनि इस भाव में नीच का हो तो शादी के बाद उसके ससुराल वाले परेशान होंगे। इन उपाय से होगा लाभ--
(1) लगातार 43 दिनों तक नंगे पांव मंदिर जाएं।
(2) माथे पर दही या दूध का तिलक लगाएं।
(3) साँप को दूध पिलाए।

यह होगा शनिदेव का तीसरे भाव में फल--

इस घर में शनि अच्छा परिणाम देता है। यह घर मंगल ग्रह का पक्का घर है। जब केतु अपने इस घर को देखता है तो यहां बैठा शनि बहुत अच्छे परिणाम देता है। पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार ऐसा जातक स्वस्थ, बुद्धिमान और बहुत सरल स्वभाव का होता है। यदि जातक धनवान होगा तो उसके घर में पुरुष सदस्यों की संख्या कम होगी। गरीब होने की दशा में परिणाम उल्टा होगा।
यदि जातक शराब और मांसाहार से दूर रहता है तो वह लम्बे और स्वस्थ जीवन का आनंद उठाएगा।

इन उपाय से होगा लाभ--
(1) तीन कुत्तों की सेवा करें। (2) आँखों की दवाएं मुफ्त बांटें।
(3) घर में एक कमरे में हमेशा अंधेरा रखना बहुत फायदेमंद साबित होगा।

यह होगा शनिदेव का चौथे भाव में फल--

यह भाव चंद्रमा का घर होता है। इसलिए शनि इस भाव में मिलेजुले परिणाम देता है। पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार ऐसा जातक अपने माता पिता के प्रति समर्पित होगा और प्रेम मुहब्बत से रहने वाला होगा। जब कभी जातक बीमार होगा तो चंद्रमा से संबंधित चीजें फायदेमंद होंगी।

जातक के परिवार से कोई व्यक्ति चिकित्सा विभाग से संबंधित होगा।
जब शनि इस भाव में नीच का होकर स्थित हो तो शराब पीना, सांप मारना और रात के समय घर की नीव रखना जैसे काम बहुत बुरे परिणाम देते हैं। रात में दूध पीना भी अहितकर है।

इन उपाय से होगा लाभ -- (1) साँप को दूध पिलाएं अथवा दूध चावल किसी गाय या भैंस को खिलाएं।
(2) किसी कुएं में दूध डालें और रात में दूध न पियें।
(3) बहते/चलते पानी में रम डालें।

यह होगा शनिदेव का पांचवें भाव में फल--

यह भाव सूर्य का घर होता है। जो शनि का शत्रु ग्रह है। जातक घमंडी होगा। पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि ऐसे जातक को 48 साल तक अपने घर का निर्माण नहीं करना चाहिए, अन्यथा उसके बेटे को तकलीफ होगी।

उसे अपने बेटे के बनवाए या खरीदे हुए घर में रहना चाहिए। जातक को अपने पैतृक घर में बृहस्पति और मंगल ग्रह से संबंधित वस्तुएं रखनी चाहिए, इससे उसके बच्चों का भला होता है।

यदि जातक के शरीर में बाल अधिक होंगे तो जातक बेईमान हो जाएगा।

इन उपाय से होगा लाभ -
(1) बेटे के जन्मदिन पर नमकीन चीजें बाटें।
(2) बादाम का एक हिस्सा मंदिर में बाटें और दूसरा हिस्सा लाकर घर में रख दें।

यह होगा शनिदेव का छठें भाव में फल---

यदि शनि ग्रह से संबंधित काम रात में किया जाय तो हमेशा लाभदायक परिणाम मिलेंगे।ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार यदि ऐसे जातक की शादी 28 वर्ष पूर्ण करने के बाद होगी तो अच्छे परिणाम मिलेंगे। यदि केतु अच्छी स्थित में हो जातक धन, लाभदायक यात्रओं और बच्चों के सुख का आनंद पाता है। यदि शनि नीच का हो तो शनि से सम्बंधित चीजें जैसे चमडा, लोहा आदि को लाना हानिकारक होता है, खासकर तब, जब शनि वर्षफल में छठवें भाव में हो। इन उपाय से होगा लाभ --(1) एक काला कुत्ता पालें और उसे भोजन करायें।
(2) नदी या बहते पानी में नारियल और बादाम बहाएं। (3) सांप की सेवा बच्चों के कल्याण के लिए फायदेमंद साबित होगी।

यह होगा शनिदेव का सातवें भाव में फल----

यह घर बुध और शुक्र से प्रभावित होता है, दोनो ही शनि के मित्र ग्रह हैं। इसलिए शनि इस घर में बहुत अच्छा परिणाम देता है। पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि ऐसे जातक को शनिग्रह से जुड़े व्यवसाय जैसे मशीनरी और लोहे का काम बहुत लाभदायक होगा।

यदि जातक अपनी पत्नी से अच्छे संबंध रखता है तो वह अमीर और समृद्ध होगा और लंबी आयु के साथ अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेगा।

यदि बृहस्पति पहले घर में हो तो सरकार से लाभ होगा। यदि जातक व्यभिचारी हो जाता है या शराब पीने लगता है तो शनि नीच और हानिकर हो जाता है। इस जातक यदि 22 वर्ष की उम्र के बाद शादी करता है तो उसकी दृष्टि पर प्रतिकूल प्रभाव पडता है।

इन उपाय से होगा लाभ--- (1) किसी बांसुरी में चीनी भरें और किसी सुनसान जगह जैसे कि जंगल आदि में दफना दें।
(2) काली गाय की सेवा करें।

यह होगा शनिदेव का आठवें भाव में फल--

आठवें घर में कोई भी ग्रह शुभ नहीं माना जाता है। जातक दीर्घायु होगा लेकिन उसके पिता की उम्र कम होती है और जातक के भाई एक-एक करके शत्रु बनते जाते हैं। ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि यह भाव/घर शनि का मुख्यालय माना जाता है, लेकिन यदि बुध, राहू और केतु जातक की कुंडली में नीच के हैं तो शनि बुरा परिणाम देगा।

इन उपाय से होगा लाभ--- (1) अपने साथ चांदी का एक चौकोर टुकड़ा रखें।
(2) नहाते समय पानी में दूध डालें और किसी पत्थर या लकड़ी के आसन पर बैठ कर स्नान करें।

ऐसा होगा शनिदेव का नौवें भाव में फल----

ऐसे जातक के तीन घर होंगे। जातक एक सफल यात्रा संचालक (टूर ऑपरेटर) या सिविल इंजीनियर होगा। वह एक लंबे और सुखी जीवन का आनंद लेगा साथ ही जातक के माता - पिता भी सुखी जीवन का आनंद लेंगे। पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि यहां स्थित शनिग्रह जातक की तीन पीढ़ियों शनि के दुष्प्रभाव से बचाएगा। अगर जातक दूसरों की मदद करता है तो शनि ग्रह हमेशा अच्छे परिणाम देगा।

जातक के एक बेटा होगा, हालांकि वह देर से पैदा होगा।

इन उपाय से होगा लाभ--- (1) बहते पानी में चावल या बादाम बहाएं।
(2) बृहस्पति से संबंधित (सोना, केसर) और चंद्रमा से संबंधित (चांदी, कपड़ा) का काम अच्छे परिणाम देंगे।

यह होगा शनि का दसवें भाव में फल--

यह शनि का अपना घर है, जहां शनि अच्छा परिणाम देगा। जातक तब तक धन और संपत्ति का आनंद लेता रहेगा, जब तक कि वह घर नहीं बनवाता। पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार इस जातक महत्वाकांक्षी होगा और सरकार से लाभ का आनंद लेगा। जातक को चतुराई से काम लेना चाहिए और एक जगह बैठ कर काम करना चाहिए। तभी उसे शनि से लाभ और आनंद मिल पाएगा।

इन उपाय से होगा लाभ-- (1) प्रतिदिन मंदिर जाएं।
(2) शराब, मांस और अंडे से परहेज करें।
(3) दस नेत्रहीन/अंधे लोगों को भोजन कराएं।

ऐसा होगा शनिदेव का ग्यारहवें भाव में फल--

ऐसे जातक के भाग्य का निर्धारण उसकी उम्र के अडतालीसवें वर्ष में होगा। जातक कभी भी निःसंतान नहीं रहेगा। पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि ऐसा जातक चतुराई और छल से पैसे कमाएगा। शनि ग्रह राहु और केतु की स्थिति के अनुसार अच्छा या बुरा परिणाम देगा।

इन उपाय से होगा लाभ--

(1) किसी महत्वपूर्ण काम को शुरू करने से पहले 43 दिनों तक तेल या शराब की बूंदें जमीन पर गिराएं।

(2) शराब न पियें और अपना नैतिक चरित्र ठीक रखें।

यह होगा शनिदेव का बारहवें भाव में फल---

शनि इस घर में अच्छा परिणाम देता है। पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि ऐसे जातक के दुश्मन नहीं होंगे। उसके कई घर होंगे। उसके परिवार और व्यापार में वृद्धि होगी। वह बहुत अमीर हो जाएगा। हालांकि, यदि जातक शराब पिए, मांसाहार करे या अपने घर के अंधेरे कमरे में रोशनी करे तो शनि नीच का हो जाएगा।

इन उपायों से होगा लाभ--

(1) किसी काले कपड़े में बारह बादाम बांधकर उसे किसी लोहे के बर्तन में भरकर किसी अंधेरे कमरे में रखने से अच्छे परिणाम मिलेंगे।
पंडित दयानंद शास्त्री

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