भारत आसियान रिश्ते भरोसे के साथ व्यापार भी

भारत आसियान रिश्ते भरोसे के साथ व्यापार भी

डेस्क-आसियान देश यूरोपियन यूनियन, उत्तरी अमेरिका और चीन के बाद दुनिया के चौथे सबसे बड़े निर्यातक हैं। वैश्विक निर्यात में उसकी हिस्सेदारी सात फीसदी के करीब है। भारत और आसियान देशों के बीच कारोबारी रिश्ते तेजी से मजबूत हो रहे हैं। बीते दस सालों आसियान देशों से कारोबार 44 बिलियन डॉलर बढ़कर 21 से 65 बिलियन डॉलर पहुंच गया है। हालांकि निर्यात की तुलना में आयात आज भी अधिक है।

आसियान देशों की कुल आबादी करीब 64 करोड़ है। यह भारत से करीब आधी है। इसके बावजूद इन इन देशों की कुल जीडीपी भारत से करीब 33 फीसदी अधिक है। इससे भारत बड़ा फायदा ले सकता है लेकिन उसे लगता है कि यह साझेदारी उसकी घरेलू कारोबारी नीतियों पर बुरा असर डाल सकती है। भारत ने बीते सालों में आसियान देशों के साथ कारोबार तेजी से बढ़ाया है।

यह आंकड़ा करीब एक फीसदी गिरकर 9.6 पर पहुंचा है।

2005-2006 में भारत अपने कुल आयात का सात फीसदी हिस्सा आसियान देशों से लेता था आज यह आंकड़ा 10.5 प्रतिशत पहुंच गया है। हालांकि निर्यात के मामले में मामूली कमी आई है। यह आंकड़ा करीब एक फीसदी गिरकर 9.6 पर पहुंचा है। बीते सालों में आसियान देशों का भारत पर भरोसा तेजी से बढ़ा है। दस साल पहले तक भारत आसियान देशों में जो निर्यात करता था उसका पचास फीसदी हिस्सा केवल सिंगापुर को जाता था और शेष पचास फीसदी हिस्सा अन्य नौ देशों को जाता था। आज स्थितियां ऐसी नहीं हैं।


देश अनुमानित भारतीय कुल आबादी में हिस्सेदारी
ब्रुनेई 8.6 हजार 2%
कंबोडिया 1.5 हजार 0.01%
इंडोनेशिया 1.2 लाख 0.02%
लाओस 125 0.002%
मलेशिया 24 लाख 8.7%
म्यांमार 11 लाख 2%
फिलिपींस 1.5 लाख 0.04%
सिंगापुर 3.51 लाख 9.1%
थाईलैंड 65 हजार 0.1%
वियतनाम 01 हजार 0.0011%

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