12 हजार की आबादी का गांव हुआ लापता

40 साल से गांव का नक्शा खोज रहे ग्रामीण
तेज प्रताप सिंह
गोंडा -जिले की तहसीलों का हाल-बेहाल है और सूबे में सरकारें भले बदलती हों, लेकिन व्यवस्था नहीं बदलती। सरकार एक तरफ जहां प्रदेश को अतिक्रमणमुक्त कराने का अभियान छेड़ रही है, वहीं जिले की तरबगंज तहसील के उमरीबेगमगंज गांव का बंदोबस्ती नक्शा 40 साल से गायब है। ग्रामीण तहसील और प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर काटते परेशान हैं लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ रहा।
सरकारी व्यवस्था की सक्रियता जानने के लिए तरबगंज तहसील का एक गांव ही काफी है। उमरीबेगमगंज गांव का भू-राजस्व मानचित्र चार दशक पूर्व रहस्यमय परिस्थितियों में गुम हो गया था। पहले नक्शे की तलाश हुई, लेकिन जब पता नहीं चला तो सिर्फ कागजों में कवायद शुरू कर दी गई। यहां नक्शा गायब होने का फायदा उठाकर सरकारी जमीनों पर कब्जे का खेल शुरू हो गया। ग्रामीणों के अनुसार 40 साल से नक्शा के लिए अफसर लिखा-पढ़ी कर रहे हैं लेकिन आज तक नक्शा उपलब्ध नहीं हो सका है। नक्शे के अभाव में जमीनों की पैमाइस रुकी है, जबकि गांव में लोगों ने चकरोड और रास्ता काटकर खेतों में मिला लिया है। लेखपाल नक्शा न होने की बात बताकर पल्ला झाड़ लेता है। गांव के चारागाह, ग्राम समाज की जमीन और तालाबों पर भी कब्जा हो चुका है। गांव के धर्मराज का कहना है कि उमरी गांव का नक्शा न तो लेखपाल के पास है और न तहसील में ही है। यहां तक कि रेकार्ड रूम में भी नहीं है। चालीस वर्ष हो गए, लेकिन नक्शा गायब है।
84 मजरों में बसी 12 हजार आबादी
जिले के तरबगंज तहसील का उमरीबेगमगंज गांव कुल 84 मजरों में बसा है। इस गांव की आबादी 12 हजार से अधिक है। सबसंे बड़े गांव उमरी समेत ग्राम सभा में उमरी बाजार, बेगमगंज बाजार, अट्ठैसा, सूर्य बख्श पुरवा, बाबा कुट्टी, मुरावन पुरवा, मंगलपुरवा, नाऊ पुरवा, भैरम पुरवा, विन्ध्या तिवारी पुरवा, तेली पुरवा, सुब्बापुरवा, बंध्ू पुरवा, करिया मिश्र पुरवा, लोनियन पुरवा, मिठवनिया, ठाकुर द्वारा, माली पुरवा, गोंड़ियन पुरवा, जेठासी, दूबे पुरवा, चोटाही, बड़हन पुरवा, नौसड़ा, चौहान पुरवा,
पासी पुरवा, मिश्रन पुरवा, टेपरा, नौशहरा, लोनियन पुरवा माझा, राम दत्त पुरवा, कोरी पुरवा, बाबागंज,बंधा चौराहा आदि को मिलाकर 84 मजरे हैं।
बैंक और थाना भी है गांव में
इस गांव उमरी बाजार, बेगमगंज, अट्ठैसा बाजार के अलावा उमरीबेगमगंज थाना, आर्युवेदिक अस्पताल और सर्व यूपी ग्रामीण बैंक, इलाहाबाद बैंक की शाखा भी है। जिले के बड़े ग्राम सभाओं में शुमार इस गांव में सभी जाति धर्मों के लोग निवास करते हैं। लेकिन प्रशासन की संवेदनहीनता का ही परिणाम है कि कोई पंचायत भवन नहीं है।
चार दशक से मानचित्र के लिए चल रही लड़ाई
चार दशक से मानचित्र के लिए चल रही लड़ाई हाईकोर्ट तक पहुंच गई। प्रधान प्रतिनिधि रामायण सिंह बताते हैं कि उच्च न्यायालय ने राजस्व परिषद को वर्ष 2013 में मैप तैयार कराने के फरमान जारी किए थे। इसके बाद चिट्ठी पर चिट्ठी लिखी जाती रही, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। 20 दिसंबर 2013 को मैप की पांच प्रतियां गांव के ही एक व्यक्ति को मिली थी, जिससे थानाध्यक्ष के माध्यम से तहसील प्रशासन को सौंप दिया गया। चार वर्ष बीत चुकेे हैं, लेकिन जिला प्रशासन अभी तक गांव का नक्शा तैयार नहीं करा सका है। नक्शा न होने से जहां खेतों की पैमाइश नहीं हो पा रही है, वहीं गांव में विकास कार्य भी बाधित हो रहा है। तहसील से लेकर जिला प्रशासन को पिछले सालों में कई बार अवगत कराया गया किन्तु आज तक नया नक्शा उपलब्ध नहीं हो सका। गांव के लोगों ने जिलाधिकारी से कई बार मांग की है कि बंदोबस्ती नक्शा बनवाया जाए और नक्शा गायब करने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो।
नक्शे के अभाव में जमीनों की पैमाइस रुकी
किसान आनंद सिंह बबलू कहते हैं कि पिछले कई दशकों से हमारे गांव का नक्शा नहीं है। गांव के ही कई लोगों ने सार्वजनिक भूमि पर कब्जा कर रखा है। लेखपाल को को पैमाइश के लिए प्रार्थना पत्र दिया जाता है, लेकिन नक्शा न होने की बात कह कर पैमाइश करने से इंकार कर देते हैं। किसान इंद्र बहादुर दूबे ने कहा कि नक्शा कब गायब हुआ किसी को नहीं पता, न ही राजस्व विभाग उसे बनाने में अब तक कोई पहल कर रहा है। इसके कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड रहा है। नक्शा के न होने के खेत की हदबरारी नहीं हो सकी है। सत्य प्रकाश सिंह ने बताया कि गांव के कमजोर लोगों की जमीन पर दबंग लोग कब्जा कर रहे हैं। नक्शा न होने के कारण जमीन की पैमाइश नहीं हो सकती है। तहसील से लेकर जिला प्रशासन को पिछले सालों में कई बार अवगत कराया गया किन्तु आज तक नया नक्शा उपलब्ध नहीं हो सका।
जल्द तैयार कराया जाएगा नक्शा
तरबगंज के तहसीलदार श्याम कुमार ने बताया कि उमरीबेगमगंज गांव का नक्शा बनाने के लिए जिला एवं शासन को पत्र भेजा गया है। राजस्व विभाग की टीम लगाई गई है, काम चल रहा है। जल्द ही नक्शे को तैयार कराकर सत्यापन कराया जाएगा। जिसके लिए स्थलीय और अभिलेखीय सत्यापन भी कराए जा रहे हैं.

Courtesy TPSingh

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