अयोध्या में नहीं तो कहाँ बनेगा राम मंदिर आईपीएस अधिकारी सूर्य कुमार ने कुछ भी गलत नहीं किया
Feb 2, 2018, 10:41 IST
लखनऊ - एक आइपीस अधिकारी ने राम मंदिर बनाने के लिए सद्भावना के तहत चलाई जा रही एक मुहिम में राम मंदिर बनाने के लिए शपथ क्या ले ली उत्तर प्रदेश में में बड़ा भूचाल आ गया | मीडिया में खबरे इस तरह से पेश की जा रही हैं जैसे कि अधिकारी ने राम मंदिर बनाने की शपथ न लेकर आईएसआईएस का झंडा थाम लिया हो |
लखनऊ विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में एनी लोगों के साथ डीजी होमगार्ड के पद पर स्थापित आईपीएस अधिकारी सूर्य कुमार ने राम मंदिर बनाने की शपथ ली और यह वीडियो वायरल हो गया और अधिकारी द्वारा राम मंदिर बनाने की शपथ को लेकर ऐसा प्रोजेक्ट किया जा रहा है जैसे की उसने कोई बहुत बड़ा गुनाह कर दिया हो |
डीजी द्वारा राम मंदिर बनाने की शपथ लेने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अशोक पाण्डेय का कहना है कि अधिकारी ने कुछ भी गलत नहीं किया है आखिर वह अधिकारी होने के साथ साथ हिन्दू भी हैं और कोई भी अधिकारी अपनी आस्था को व्यक्त कर सकता है और उस पर कोई भी रोक नहीं लगाईं जा सकती है | राम लला जहाँ विराजमान है वह राम जन्मभूमि ही है यह हाईकोर्ट इलाहाबाद ने तय कर दिया है | अब उस जगह पर राम मंदिर नहीं बनेगा तो क्या बनेगा इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है और जब तक की सुप्रीम कोर्ट द्वारा राम मंदिर के बारे में कोई नया निर्णय नहीं दिया जाता है तब तक अयोध्या में राम लला की जन्मस्थली राम मंदिर के लिए कोई भी शपथ ले सकता है और वह जगह राम जन्मभूमि ही है इस पर कोई भी संशय नहीं होना चाहिए | जब सुप्रीम कोर्ट तक ने कह दिया है कि आपसी सहमति से यह मामला कोर्ट के बाहर से सुलह समझौते से निबट जाए तो इससे अच्छी क्या बात हो सकती है | श्री पाण्डेय ने कहा कि डीजी होमगार्ड सूर्य कुमार द्वारा शपथ लिया कतई नियम विरुद्ध नहीं है |
आईपीएस अधिकारी सूर्य कुमार भी स्पष्ट कर चुके हैं कि उन्होंने जो शपथ ली है वह उच्चतम न्यायलय द्वारा दिए गए निर्देश के क्रम में ही जो आपसी सहमति के लिए गोष्ठी की गई थी उसमे की गई है |
अब सवाल यह उठता है की अयोध्या में राम मंदिर नहीं बनेगा तो कहाँ बनेगा और इसके लिए जो भी हिन्दू या मुस्लिम आपसी सुलह समझौते और भाईचारे की बात करता है उसे बागियों की श्रेणी में क्यों लाकर खड़ा कर दिया जाता है |