इतने एनकाउंटर के बाद भी , यूपी में क्यों नही अपराधियों में दिखता कानून का खौफ

इतने एनकाउंटर के बाद भी , यूपी में क्यों नही अपराधियों में दिखता कानून का खौफ

एडिटोरियल (राजीव) उत्तर प्रदेश इस समय अजीब से दौर से गुजर रहा है । अपराध की बाढ़ आ गई है और यह स्थिति तब है जब प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ एनकाउंटर बड़े पैमाने पर हो रहे हैं । आखिरकार अपराधियों को क्या मौत का भी क्या खौफ नही । प्रदेश की राजधानी में डकैतियों का होना बहुत खतरनाक संकेत है । इससे यह समझ जा सकता है कि प्रदेश के सुदूर क्षेत्रों में कानून व्यवस्था का क्या हाल होगा ।
इसमें कोई दो राय नही की अधिकारियों को प्रदेश सरकार द्वारा फ्री हैंड दिया गया है ।

सरकार के शीर्ष नेतृत्व द्वारा शुरुआत में ही साफ कर दिया गया है कि प्रशासन के काम मे कोई भी हस्तक्षेप नही करेगा । सरकार के लिए यह कदम कुछ मायनों में अच्छा है तो कई मायनों में यह ठीक भी नही जा रहा है अधिकारियों द्वारा सत्ता पक्ष के नेताओं और प्रतिनिधियों की भी बात नही सुनी जा रही है । कई बार संगठन और सरकार के बीच दूरी कम करने का भी प्रयास किया गया जो अभी तक सफल नही होता दिख रहा है।
सीतापुर में सिरफिरे आशिक द्वारा जिस तरह खुलेआम लड़की के कोचिंग के बाहर फायरिंग करने और पुलिस द्वारा रोके जाने पर भी न रुकना यह सही संकेत नही है ।


पुलिस अपने इकबाल के सहारे कानून व्यवस्था को संभालती है लेकिन यह हाथ से निकला हुआ दिख रहा है ।
जनप्रतिनिधियों को उचित सम्मान देने के लिए मुख्य सचिव को भी पत्र जारी करना पड़ा ।


कुल मिलाकर प्रदेश में जो भी स्थिति चल रही है उससे कहीं ज्यादा जनता को भयमुक्त और बेहतर कानून व्यवस्था के लिए इस वर्तमान सरकार को प्रचंड बहुमत से सत्ता सौंपी थी ।


सरकार के लिए इस मुश्किलों से भी उबरना और अपराधियों पर कंट्रोल करने के साथ ही विकास के लिए भी अब योजना बनाने का समय निकलने को है अब कार्यान्वयन को लेकर होना चाहिए जिससे सुरक्षित होने के साथ ही समृद्ध भी हो सकें ।

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