महिलाओ के ये है कुछ मौलिक अधिकार जो आप नही जानती है
Feb 11, 2018, 21:20 IST
डेस्क-भारत में महिलाओं को सुरक्षित करने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए संविधान और सुप्रीम कोर्ट ने कई अधिकार दिए है। हम सभी जानते हैं कि हमारा संविधान बहुत जटिल है। ये इतना जटिल है कि हम में से बहुतों को हमारे अधिकार नही पता है। हम जब भी अपने मौलिक अधिकारों की बात करते हैं तो सिर्फ फ्रीडम ऑफ स्पीच की बात होती है। पर क्या आप को आप के कानूनी और मौलिक अधिकार पता हैं। हम आप को आज महिलाओं के उन दस मौलिक अधिकारों से रूबरू करवाएंगे जिन से शायद अभी तक खुद महिलाएं भी अनजान थी।
- हिन्दू मेरिज एक्ट 1955 के सेक्शन 14 के तहत एक शादीशुदा जोड़ा अपनी शादी के एक साल पूरा होने तक तलाक के लिए अर्जी नही दे सकता है। फिर चाहे वो पुरुष हो या महिला। यदि सुप्रीम कोर्ट को लगता है कि अर्जी देने वाला अनेको समस्याओं से घिरा है तो वह तलाक फाइल कर सकता है।
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- इंडियन सराइस एक्ट 1867 के तहत भारत का कोई भी नागरिक किसी भी समय किसी भी होटल में अपने या अपने पालूत जानवर के लिए पानी का प्रयोग कर सकता है। कोई भी महिला या पुरुष होटल का वॉशरूम भी प्रयोग कर सकता है। इसके लिए उसे कोई चार्ज नही देना होगा।
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- सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कहा गया है कि किसी भी महिला को सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद हिरासत में नही लिया जा सकता है। यदि पुलिस को कोई सबूत के तौर पर कोई लिखित दस्तावेज मिलता है जिसमें कारण पूछा जाए कि आप इस महिला को क्यों हिरासत में लेना चाहते हैं तो यह फैसला बदल सकता है।