पांडव भीम ने यहीं ब्रम्हास दैत्य का किया था वध और शिवलिंग की किया था स्थापना

पांडव भीम ने यहीं ब्रम्हास दैत्य का किया था वध और शिवलिंग की किया था स्थापना

गोण्डा ! एशिया महाद्वीप में सबसे ऊंचे साढ़े पांच फुट काले कसौटी से निर्मित महाभारत काल के शिवलिंग स्थापित पृथ्वीनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि के अवसर पर आज भोर से दुग्ध , गंगाजल , मधु व पवित्र सामग्रियों से जलाभिषेक कर पूजन अर्चना करने वाले नेपाल व दूर दराज से आने वाले श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है l महिला और पुरुष शिवभक्त बेलपत्र ,धतूरा ,भांगऔर पुष्प से पूजन कर रहे है l ये विशाल शिवलिंग वाला पृथ्वीनाथ मंदिर उत्तर प्रदेश में गोण्डा जिला मुख्यालय से करीब तैंतीस किलोमीटर दूरी पर खरगूपुर क्षेत्र में स्थित है l

मान्यताओं के अनुसार , लगभग पांच हजार वर्ष पूर्व महाभारत काल में अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने इसी क्षेत्र में डेरा डाल दिया था l क्षेत्र में ब्रह्मास नामक दैत्य ने अपना अत्याचार का साम्राज्य फैला लिया था lदैत्य के पापाचार से लोगों को छुटकारा दिलाने के लिये महाबली पांडव भीम ने ब्रह्मास का बध कर दिया l लेकिन उसके श्राप से बचने के लिये भीम ने माता कुन्ती के कथन पर उसी स्थान पर एक भव्य विशाल शिवलिंग स्थापित कर दिया l इसे भीमेश्वर महादेव भी कहा जाता था l

तत्पश्चात कालांतर में राजा गुमान सिंह के आदेशानुसार इसी क्षेत्र के रहने वाले पृथ्वी सिंह नामक एक सिपेसालार ने भवन निर्माण के लिये खुदाई करवाना प्रारम्भ किया लेकिन रात्रि में आये स्वप्न में उसे हुई आकाशवाणी ने बताया कि भूमि के करीब सत्तर फिट नीचे से शिवलिंग स्थापित है l जिसे पृथ्वी सिंह ने खुदाई करवाना शुरू कर दिया l शिवलिंग के दर्शन होते ही उसने साढ़े पांच फिट बाहर तक निकलवा कर भूमि पटवा दी l तभी से इस ऐतिहासिक मंदिर को पृथ्वीनाथ शिव मंदिर के नाम से जाना जाने लगा l

इस प्राचीन मंदिर का शिवलिंग एशिया का सबसे ऊंचा अदभुत शिवलिंग माना जाता है l जहां शिवभक्तों को एड़ी पर ही खड़े होकर जलाभिषेक का सौभाग्य प्राप्त होता है l इसके अतिरिक्त जिले के दुखहरण नाथ , गोकर्ण नाथ शिवाला , सँतेश्वर महादेव सकरौरा , फुलवारी सम्मय माता मंदिर व अन्य शिवमंदिरो में श्रद्धालुओं का तांता लगा है l जगह जगह शिव बारात के संग भव्य शोभा संकीर्तन यात्रा निकाली जा रही है l शिव बारात समारोह समिति के अध्यक्ष विजय साहू ने बताया कि नगर के तिवारी बाबा भोले बाबा मंदिर प्रांगण से हाथी , घोड़ा , सर्प , सुर , असुर और प्रेत आत्माओं संग निकली शिवबारात महराजगंज चौराहा, भरत मिलाप , पीपल चौराहा , फव्वारा चौराहा होते हुये रानी बाजार से वापस दुःखहरण नाथ मंदिर पर सम्पन्न हुई l इस अवसर पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध रहे l

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