आखिर कब तक महिलाये लडती रहेगी अपने हक़ के लिए

आखिर कब तक महिलाये लडती रहेगी अपने हक़ के लिए

डेस्क-आज हम आपको महिलो करे बारे में बताने जा रहे है आये दिन महिलो ओ के ऊपर कही ससुराल वालो ने दहेज़ के खातिर घर बाहर कर दिया और कही न कही लडकियों का रेप होते रहे है अगले महीने महिला दिवस आने वाला है तो संसद में महिलाओं के आरक्षण का मामला उठना ही था और हो भी क्यों ना 20 साल हो गए लेकिन तमाम वादों और इरादों के बावजूद महिलाओं को उनका हक नहीं मिल पाया। संसद में सोनिया गांधी ने आरक्षण का मामला उठाया तो सरकार ने भी सहमति बनाने की कोशिश का रटा-रटाया जवाब दे दिया।

संसद में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण का बिल 2010 में पास करा लिया गया था लेकिन लोकसभा में समाजवादी पार्टी, बीएसपी और राष्ट्रीय जनता दल जैसी पार्टियों के भारी विरोध की वजह से ये बिल पास नहीं हो सका। इसकी वजह है दलित, पिछड़े तबके की महिलाओं के लिए अलग से आरक्षण की मांग।

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कांग्रेस के पास 2010 में अपने दम पर बहुमत नहीं था लेकिन आज मोदी सरकार के पास ऐसी कोई मजबूरी नहीं है आखिर अब महिलाओं को उनका हक देने क्या दिक्कत है। सरकार राजनीतिक इच्छाशक्ति क्यों नहीं दिखा रही है।महिला दिवस पर आज संसद में महिला हक और समाज में महिला सम्मान की बात हुई और मोर्चा संभाला महिला सांसदों ने। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि भारत में महिलाओं को और ताकतवर बनाने की जरूरत है। उन्होंने मोदी सरकार से मांग की कि महिला आरक्षण बिल को जल्द पास किया जाए |

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