प्रधान हो प्रधानमंत्री नहीं की फरमान सुना दोगे ,गरीबों का निवाला ही छीन लिया इस प्रधान और पंचायत अधिकारी ने

प्रधान हो प्रधानमंत्री नहीं की फरमान सुना दोगे ,गरीबों का निवाला ही छीन लिया इस प्रधान और पंचायत अधिकारी ने

गोंडा -जनता ने चुना था इन्हें अपना प्रतिनिधि लेकिन यह राजा बन बैठे शुकर है की इन्हें केवल एक ग्राम सभा की जिम्मेदारी मिली है वर्ना तो यह लोगों को भूखे ही मार देते | यही नहीं संन्गत का कुछ ऐसा असर पड़ा कि सरकारी कर्मचारी भी अपनी सुध- बुध ही खो बैठे और सुना दिया ऐसा फरमान जिससे कि लोगों का निवाला ही छिन जाए| हम आपको एक ऐसे फरमान के बारे में बताते हैं कि जिसे सुनकर तुगलक भी शरमा जाए इस फरमान को तुगलकी फरमान भी कहना तुगलक की बेइज्जती होगी क्योंकि वह तो राजा था जो उलटे - सीधे फरमान सुनाता था लेकिन यह सरकार और जनता के नौकर भी अब फरमान सुनाने लगे |

बात यह है कि गोंडा जो अपने अलग अलग कारनामों के लिए जाना जाता है अब एक ग्राम प्रधान और उसके साथ ग्राम पंचायत अधिकारी जिन्हें कभी ग्राम सेवक कहा जाता था | शायद इटियाथोक ब्लाक के इस ग्राम पंचायत अधिकारी को अधिकारी लिखा जाना अपने पद के साथ हजम नहीं हुआ और उसने अपने को सच में अधिकारी समझ लिया और ऐसा फरमान प्रधान के साथ में जारी कर दिया जो प्रधान की नादानी तो है ही साथ ही इस ग्राम पंचायत अधिकारी की बेंदाजी बयां करती है | ग्राम प्रधान ने भी अपने आपको ग्राम सभा का राजा समझ लिया और ऐसा राजा समझा जो प्रजा की सेवा न कर के प्रजा का निवाला ही छीनने लगा |लोगों का कहना है कि स्वछता अभियान के बहाने यह राजनीतिक द्वेष से यह कार्रवाई की गई है | पहले लोगों को शौचालय के लिए धन दिलाया जाना चाहिए और उसका पालन न करने पर उस दायरे में कार्रवाई करनी चाहिए | सीनियर एडवोकेट राजेश मिश्र और फौजदारी अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष रवि प्रकाश पाण्डेय ने इस प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है | श्री मिश्र ने यह भी कहा है कि जिन लोगों ने शौचालय बनवाया अभी उन्हें ही पूरा पैसा नहीं दिया गया |
क्या है फरमान
जनपद गोंडा के इटियाथोक ब्लाक के ग्राम पंचायत चुरिहारपुर के राजस्व ग्राम गजधारपुर में ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा कहा गया है की "जिन लोगों द्वारा शौचालय का निर्माण नहीं कराया जा रहा है उन्हें इस माह से राशन नहीं दिया जाएगा | शौचालय निर्माण शुरू होने के बाद कोटेदार से राशन प्राप्त करें |"
इस फरमान को पाने के बाद गाँव के लोगों ने प्रधानमंत्री सहित जिले के अधिकारीयों को भी पत्र लिख कर कार्रवाई की मांग की है |
राजनैतिक है मामला
ग्राम प्रधान द्वारा जो फरमान सुनाया गया है वह पूरी तरह से राजनितिक है ऐसा आरोप गाँव के लोगों द्वारा लगाया गया है और कहा जा रहा है कि इन लोगों ने भाजपा के पक्ष में वोट किया था और प्रधान और कोटेदार इनके विरोधी है इसके कारण इन लोगों का राशन बंद किया जा रहा है |
सबसे बड़ी बात यह है की अगर शौचालय निर्माण लोगों द्वारा नहीं किया जा रहा है उसके लिए अलग से कार्रवाई का प्रावधान है लेकिन खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सभी को खाद्य सामग्री मिलना कानून के दायरे में है और प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी को यह कतई अधिकार नहीं है कि इस तरह का फरमान वह जारी कर सके| फिलहाल इस मामले की शिकायत हुई है जांच की जा रही है लेकिन जब तक प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी को इस बात का एहसास प्रशासन नहीं कराता है की वह जनता के सेवक है न की राजा की जो भी चाहें फरमान सुना दे तब तक इस तरह से तुगलक से भी एक कदम बढ़ कर फरमान जारी होते रहेंगे |

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