इन आसान तरीके से गायब करे सफ़ेद दाग

इन आसान तरीके से गायब करे सफ़ेद दाग

डेस्क- सफ़ेद दाग भी बहुत खतरनाक बीमारी बन चुकी है छोटे से लकर धीरे धीरे पूरे शरीर में ये दाग फ़ैल जाता है आपको बता दे यह एक ऑटो इम्यून डिज़ीज़ है जिसमें व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता उसकी त्वचा को नुकसान पहुंचाने लगती है। यह शरीर के इम्यून सिस्टम की कार्य प्रणाली में होने वाली गड़बड़ी का परिणाम है ऐसी स्थिति में त्वचा की रंगत निर्धारित करने वाले मेलेनोसाइट्स नामक सेल्स धीरे-धीरे नष्ट होने लगते हैं नतीजतन त्वचा पर सफेद धब्बे नज़र आने लगते हैं आमतौर पर यह समस्या होंठों और हाथ-पैरों पर दिखाई देती है इसके अलावा शरीर के कई अलग-अलग हिस्सों पर भी ऐसे दाग नज़र आ सकते हैं।

क्या है इसकी वजह

  • आनुवंशिकता अर्थात अगर माता-पिता को यह डिज़ीज़ हो तो बच्चों में भी इसकी आशंका बढ़ जाती है हालांकि ज़रूरी नहीं है कि इससे पीडि़त हर व्यक्ति की संतान को भी ऐसी समस्या हो।
  • कुछ लोगों के शरीर पर छोटे-छोटे गोल धब्बे बनने लगते हैं और उस स्थान से रोएं गायब होने लगते हैं। इसे एलोपेशिया एरियाटा कहा जाता है भविष्य में यही समस्या विटिलाइगो का भी कारण बन सकती है।
  • कई बार बर्थ मार्क या मस्से के आसपास की त्वचा की रंगत में भी बदलाव शुरू हो जाता है जिससे विटिलाइगो की समस्या हो सकती है।
  • बिंदी में लगे गोंद, सिंथेटिक जुराबें, घटिया क्वॉलिटी के ब्यूटी प्रोडक्ट्स या फुटवेयर की वजह से भी लोगों को ऐसी समस्या हो सकती है इसलिए ऐसी चीज़ें खरीदते समय उनकी गुणवत्ता का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए।
  • अधिक केमिकल एक्सपोज़र की वजह से भीमिथको डिज़ीज़ हो सकती है अगर कोई व्यक्ति ऐसी फैक्ट्री में काम करता हो, जहां प्लास्टिक, रबर या केमिकल्स का बहुत अधिक मात्रा में इस्तेमाल होता हो तो ऐसे व्यक्ति को भी विटिलाइगो की समस्या हो सकती है।

प्रमुख लक्षण

  • त्वचा की रंगत में सफेदी नज़र आने के साथ अगर वहां के रोएं भी सफेद होने लगें तो यह इस रोग की शुरुआत हो सकती है।
  • ऐसे दाग पर खुजली या दर्द जैसे लक्षण नहीं दिखते और त्वचा की संवेदनशीलता भी बनी रहती है।
  • गर्मी के मौसम में पसीने की वजह से प्रभावित हिस्से में कुछ जलन हो सकती है।

बचाव एवं उपचार

  • अगर आपकी त्वचा अधिक संवेदनशील है तो तेज़ गंध वाले साबुन, परफ्यूम, डियो, हेयर कलर और कीटनाशकों से दूर रहें।
  • कुछ लोग दाग को छिपाने के लिए उस पर टैटू भी बनवाते हैं ऐसा कभी न करें इससे उसके फैलने का डर बढ़ जाता है।
  • कई बार उपचार के एक-डेढ़ साल के बाद त्वचा पर फिर से दाग नज़र आने लगते हैं तो ऐसे में दोबारा दवाओं के सेवन की ज़रूरत पड़ सकती है अगर दो साल तक सफेद निशान वापस न दिखाई दे तो इस बात की संभावना है कि अब ऐसी कोई समस्या नहीं होगी।
  • इसके उपचार के लिए स्किन ग्राफ्टिंग की तकनीक अपनाई जाती है इसमें किसी एक जगह की त्वचा को निकालकर दाग वाले हिस्से पर लगाया जाता है जिससे दाग छिप जाते हैं।

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