जयप्रभा ग्राम का होगा कायाकल्प, डिप्टी सीएम ने की पांच घोषणाएं

जयप्रभा ग्राम का होगा कायाकल्प, डिप्टी सीएम ने की पांच घोषणाएं
  • उपमुख्यमंत्री ने नानाजी देशमुख की प्रतिमा का किया अनावरण
  • देश के 22 राज्यों के लोककलाकार कर रहे हैं प्रतिभाग

गोण्डा -राष्ट्रऋषि नाना जी देशमुख की कर्मभूमि जयप्रभा ग्राम गोण्डा में संस्कार भारती उत्तर प्रदेश एवं दीन दयाल शोध संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित हो रहे अखिल भारतीय लोक कला महोत्सव में देश के 22 राज्यों के कलाकारों का संगम हो रहा है। महोत्सव के दूसरे दिन प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डा0 दिनेश शर्मा ने बतौर मुख्य अतिथि पहुंचकर जयप्रभा ग्राम में नानाजी देशमुख की प्रतिमा का अनवारण किया।

उप मुख्यमंत्री ने उपस्थित लोगों को किया संबोधित

अखिल भारतीय लोक कला महोत्सव में पहुंचे उपमुख्यमंत्री ने सबसे पहले नानाजी की विशाल प्रतिमा का अनावरण किया। इसके बाद वे सीधे महोत्सव स्थल पर पहंुचे। उपस्थित जनसमुदाय एवं कलाकारों को सम्बोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि नानाजी एक व्यक्ति नहीं बल्कि संस्था थे। देश में जब इमरजेन्सी लागू थी और देश क्षेत्र, जाति, धर्म और भाषा में बंटा हुआ था तथा विघटनकारी शक्तियां देश में नफरत फैलाने का काम रही थी उस वक्त नानाजी जी ने समाज को एकजुट करने के लिए रोजगार को मुद््दा बनाया था। उन्होने पन्डित दीन दयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद को आगे बढ़ाने के लिए अपना सर्वस्व न्योछावार कर दिया। वास्तव में पन्डित दीन दयाल उपाध्याय जी के एकात्मवाद को जानना हो तो नानाजी की कर्मभूमि जयप्रभा ग्राम आइए। उन्होने रोजगार के लिए स्वरोजगार केन्द्र खुलवाए ओर देश के सवबे पिछड़े क्षेत्र देीपाटन मण्डल को उन्होने अपनी कर्मभूमि के रूप में चुना। उनकी तपस्या का परिणाम है कि आज जयप्रभा ग्राम विश्व पटल पर विख्यात है। भारत की पहचान के रूप जानी जाने वाली लोकलाएं जो आज आधुनिकता के दौर में विलुप्त हो रही हैं उनसे नई पीढ़ी को अवत कराने तथा लोक कलाओं एवं परम्पराओं को जीवित रखने के उद््देश्य से नानाजी की कर्मभूमि के प्रांगण में देश के कोेने-कोने से कई राज्यों के लोककलाकारों का संगम लगा हुआ है। इससे निश्चित ही पन्डित दीन दयाल जी के एकात्मवाद व भारतीय संस्कृति को मजबूती मिलेगी।
इस अवसर पर उन्होने घोषणा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार नानाजी की कर्मभूमि में स्थापित चिन्मय ग्रामोदय इन्टर कालेज में पन्डित दीन दयाल उपाध्याय मिनी स्टेडियम, पचास थारू बच्चों के लिए छात्रावास, विद्वालय परिसर में पन्द्रह सौ लोगो की क्षमता वाले पन्डित दीन दयाल सभागार का निर्माण, संस्थान का सुन्दरीकरण व जयप्रभा ग्राम से आर्यनगर को जाने वाली सड़क का चैड़ीकरण का काम करायेगी। कार्यक्रम के दौरान दीन दयाल शोध संस्थान के अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह व योगेन्द्र बाबा ने भी नानाजी के जीवन से जुड़े बिन्दुओं पर अपने विचार व्यक्त किए। राजस्थानी कलाकारों द्वारा मटका नृत्य प्रस्तुत किया गया। विधायक मेहनौन विनय कुमार द्विवेदी ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। कार्यक्रम के दूसरे दिन रंगोली तथा गोबर शिल्प प्रशिक्षण, राष्ट्रीय गोष्ठी पर्यटन एवं लोक कला संस्कृति, भवई नृत्य राजस्थान, सृजनहार नृत्य बुन्देलखण्ड, आसाम के लोक नृत्य, दीवारी पाई डण्डा नृत्य बुन्देलखण्ड, राई नृत्य बुन्देलखण्ड, बिरहा गायन, मयूर नृत्य एवं ब्रज की होली, थारू नृत्य तथा गायन बहराइच व फारसा नृत्य बलरामपुर की शानदार प्रस्तुति कलाकारों द्वारा दी गई।

Share this story