कुछ इस तरह का अंदाज है इस जिले के डीएम का

कुछ इस तरह का अंदाज है इस जिले के डीएम का

पीलीभीत- सुर-संगम-व्यक्तित्व की पहचान रखने वाले उत्तर प्रदेश के आईएएस डा0 अखिलेश कुमार मिश्र कुछ ऐसे ही है एक अच्छे व्यक्तित्व और अधिकारी होने के साथ वो एक कवि व लेखक भी है बनारस में जन्मे डा0 अखिलेश मिश्र ने देश में ही नहीं विदेशों में भी अपनी कविताओं से श्रोताओं का मनमोहा है।

डा0 अखिलेश मौजूदा में यूपी इलेक्ट्रानिक्स व आईटी में विशेष सचिव पर यूपी इलेक्ट्रानिक्स कारपोरेशन में एमडी के पद पर तैनात थे इससे पूर्व वो खादी ग्रामोद्योग बोर्ड में रहे है हाल ही में उनका तबादला पीलीभीत जनपद में हुआ है डा0 अखिलेश ने अपनी प्रशासनिक सेवाओं के साथ देश-विदेश में अपनी कविताओं से भी लोगो के दिलों को जीता है हाल ही में अगस्त 2017 को उन्होने एक ‘‘यू ही’’ नाम के कविता संग्रह किताब लिखी जिसका प्रकाशन हुआ है डा0 अखिलेश का मानना है कि कविता लिखने के लिये समय निकालने की जरूरत नहीं पडती कविता तो खुद ब खुद दिल से निकलती है।

उनकी पंसीदा कविता फांसी पर है जिसके बोल है ‘‘अब अदालत में मूरत रूआंसी हो रही है.......अब कहाॅ इस मुल्क में क़ातिल को फांसी हो रही है......’’ ऐसे ही उन्होने एक कविता इश्वर पर लिखी थी ‘‘किया क्यों ऐसा तुमने काम....राम, रहीमा, रब इतने सारे रख लिये नाम....कोई ढूंढ रहा मन्दिर कोई पहाड में खोजे....कोई मंगल भूखा सोये कोई रखे रोजे.. अंत में जाते-जाते उनकी आवाज में एक कविता सुनना तो बनती है तो सुनिये जनपद में आने वाले नये जिलाधिकारी की आवाज एक कविता जो उनके सबसे प्रीय कवि हरिवंश राय बच्चन की मुधुशाला से है।


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