जानिए नवरात्रि कुछ ख़ास बाते जो आप नही जानते है

जानिए नवरात्रि कुछ ख़ास बाते जो आप नही जानते है

डेस्क-नवरात्र भारतवर्ष में हिंदूओं द्वारा मनाया जाने प्रमुख पर्व है। इस दौरान मां के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। वैसे तो एक वर्ष में चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ के महीनों में कुल मिलाकर चार बार नवरात्र आते हैं लेकिन चैत्र और आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक पड़ने वाले नवरात्र काफी लोकप्रिय हैं। बसंत ऋतु में होने के कारण चैत्र नवरात्र को वासंती नवरात्र तो शरद ऋतु में आने वाले आश्विन मास के नवरात्र को शारदीय नवरात्र भी कहा जाता है।

पूरे वर्ष में चार नवरात्र मनाए जाते हैं जिनमें दो गुप्त नवरात्र सहित शारदीय नवरात्र और बासंती नवरात्र जिसे चैत्र नवरात्र कहते हैं शामिल हैं। यह चारों नवरात्र ऋतु चक्र पर आधारित हैं और सभी ऋतुओं के संधिकाल में मनाए जाते हैं।शारदीय नवरात्र वैभव और भोग प्रदान देने वाले है। गुप्तनवरात्र तंत्र सिद्धि के लिए विशेष है जबकि चैत्र नवरात्र आत्मशुद्धि और मुक्ति के लिए। वैसे सभी नवरात्र का आध्यात्मिक दृष्टि से अपना महत्व है।

पुरुष के संयोग का भी समय होता है।
यह प्रकृति और पुरुष के संयोग का भी समय होता है। प्रकृति मातृशक्ति होती है इसलिए इस दौरान देवी की पूजा होती है। गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि संपूर्ण सृष्टि प्रकृतिमय है और वह सिर्फ पुरुष हैं। यानी हम जिसे पुरुष रूप में देखते हैं वह भी आध्यात्मिक दृष्टि से प्रकृति यानी स्त्री रूप है। स्त्री से यहां मतलब यह है कि जो पाने की इच्छा रखने वाला है वह स्त्री है और जो इच्छा की पूर्ति करता है वह पुरुष है।नवरात्र के नौ दिनों में मनुष्य अपनी भौतिक, आध्यात्मिक, यांत्रिक और तांत्रिक इच्छाओं को पूर्ण करने की कामना से व्रतोपवास रखता है और ईश्वरीय शक्ति इन इच्छाओं को पूर्ण करने में सहायक होती है।

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