आखिर क्यों नही खुल पाया आज तक तुताखामेंन के मरने का रहस्य जानिए

आखिर क्यों नही खुल पाया आज तक तुताखामेंन के मरने का रहस्य जानिए

डेस्क-आज हम आपको एक ऐसे राजा के बारे में बताने जा रहे है तुताखामेंन मिस्र इतिहास में ईसा से 13वी शताब्दी पूर्व 18वे मिस्त्र फराहो के 18वे साम्राज्य का राजा हा | उसकी खोज के समय से उसे राजा तुत के नाम से जाना जाता है | वैसे उसका असली नाम तुतनखातेन था जिसका अर्थ था सूर्य का जीवित प्रतिरूप जिसे बाद में उसने बदलकर तुतनखामेन कर दिया था जिसका अर्थ था चन्द्रमा का जीवित प्रतिरूप | 1922 में दो पुरातत्ववेत्ताओं होवार्ड कार्टर और लार्ड कार्नावो ने जब उसकी कब्र की खोज की तब सारे संसार में इस अनोखी खोज की सराहना हुयी | तुतनखामेन की ममी और उसकी कब्र से निकली वस्तुओ के आधार पर उसका इतिहास गढ़ा गया जिससे उस दौर का इतिहास समझने में पता चला था | आइये आपको उस युवा राजा की जीवनी से रूबरू करवाते है जिसने आज से 3000 वर्ष का इतिहास हमारे समक्ष पेश किया |


तुतनखामेन के पिता का नाम अखेनातेन था जो उस दौर में मिस्त्र का फराहो था | केवल नौ वर्ष की आयु में 1333 ईस्वी पूर्व में तुतनखामेन को मिस्त्र का राजा बना दिया गया | उस दौर में मिस्त्र के राजाओं को फराहो कहा जाता था | अल्पायु और अनुभवहीन राजा को उनके निजी सलाहकार एवं चाचा कमांडर अई ने सम्भाला | जब तुतनखामेन राजा बना तो उसने अपनी सौतेली बहन अंखसुनामन से विवाह कर लिया | उनकी दो अजन्मी बच्चिया थी जिसमे से एक गर्भ में 5 महीने में ही मर गयी और दुसरी 9 महीने में मर गयी | ये सारी जानकारिया उनकी ममी से पता चली थी जो खोज के दौरान मिली थी |

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