लडकियों को ब्वाॅयफ्रेंड बनाने में सावधानी जरुरी है

लडकियों को ब्वाॅयफ्रेंड बनाने में सावधानी जरुरी है

डेस्क-एक दैनिक अखबार के 25 मार्च, 2018 के अंक में खबर है कि म.प्र. में गुना भाजपा विधायक ने स्नातकोत्तर महाविधालय में स्मार्ट फोन वितरण कार्यक्रम में बयान दिया कि अगर लड़कियाँ ब्वाॅयफ्रेंड बनाना बंद कर देें तो उन पर होने वाले अत्याचार बंद हो जायंेगे। इस बयान की अत्युक्ति स्वीकार नहीं की जा सकती क्योंकि अत्याचार उन अवयस्क अबोध बच्चियों पर भी हो रहें हैं, जो फ्रेंडशिप का अर्थ तक नहीं जानतीं। निर्भया कांड में अत्याचारी पीड़िता के ब्वाॅयफ्रेंड नहीं थे। और भी बहुत से मामलों मेें यह देखने में आता है कि अत्याचारी अपरिचित भी होते हैं।

लडकियों को ब्वाॅयफ्रेंड बनाना बंद करना चाहिए

इसलिए यह कहना कि ब्वाॅयफ्रेंड बनाना बंद करने से लड़कियों पर होने वाले अत्याचार बंद हो जाएंगे, पूरी तरह सत्य नहीं है , लेकिन यह भी एक कड़वी सच्चाई है कि आज हमारे समाज में किशोरियों और युवतियों पर होने वाले अधिकतर अत्याचार उनके कथित मित्र ही करते हैं अथवा उनका प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष हाथ रहता है। लिव-इन-रिलेशनशिप जैसी अमर्यादित नयी स्थितियों के प्रोत्साहन और वैधानिक समर्थन ने भी नारियों पर होने वाले अत्याचारों की संख्या बढ़ाई है। इस से यह स्पष्ट हो जाता है कि यदि लड़कियाँ बिना सोचे-समझे किसी को भी व्यायफ्रेंड न बनाएं और इस संदर्भ में भली-भाँति सोच-समझकर ही कोई निर्णय लें तो अपने ऊपर आने वाली मुसीबतों से काफी हद तक बच सकती हैं।

इंजीनियर दोस्त ने तेजाब फेंककर चेहरा खराब करने की धमकी दी

जिसमें बताया गया है कि पी.एस.सी परीक्षा की तैयारी कर रही शाहपुरा, भोपाल निवासी एक छात्रा को उसके ही सहपाठी रहे इंजीनियर दोस्त ने तेजाब फेंककर चेहरा खराब करने की धमकी दी है। छात्रा के पिता ने उस इंजीनियर युवक के विरूद्ध थाने में प्रकरण दर्ज कराया है। यह खबर भी स्पष्ट करती है कि युवतिओं पर होने वाले अत्याचारों में उनके तथाकथित युवामित्रों की ही भूमिका अधिक मिलती है।

चेहरे की हकीकत को समझ पाती हैं

इस स्थिति में गुना विधायक की सलाह को पूरी तरह नकारा नहीं जा सकता। युवकों की आपराधिक मानसिकता को बदल पाना, समझना आसान काम नहीं है। जब तक लड़कियाँ उनकी दुर्भावनाओं को; उनके उत्पीड़क चेहरे की हकीकत को समझ पाती हैं तब तक बहुत देर हो चुकी होती है और दुष्परिणाम लड़कियों को ही अधिक भुगतने पड़ते हैं; उनके परिवार को भुगतने पड़ते हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि लड़कियाँ ब्यायफ्रेंड बनाने से बचें और बनाएं तो बहुत सोच-समझकर बनाएं।


Share this story