दयानन्द शास्त्री के अनुसार क्या कहते हैं सलमान खान की जन्म कुण्डली के बारे में

दयानन्द शास्त्री के अनुसार क्या कहते हैं सलमान खान की जन्म कुण्डली के बारे में

डेस्क-आज हम गूगल/इंटरनेट पर उपलब्ध सलमान खान की जन्म कुण्डली के अनुसार आज हम उनकी चंद्र कुंडली का अध्ययन करने जा रहे हैं। यदि श्री खान का यह जन्म विवरण सही है, तो उनकी जन्म कुंडली इस प्रकार है। दबंग खान की लग्न मेष है। ये सिर्फ ज्योतिष अनुमान पर आधारित है. सलमान पिछले दो से ज्यादा दशकों से बॉलीवुड पर राज कर रहे है. 20 की उम्र से लेकर 53 पार की उम्र में भी उनका जलवा बरकरार हैं।

आज हम जानते है सलमान खान की तकदीर और कुड़ली से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण
सलमान खान का जन्म 27 दिसंबर 1965 को हुआ। जन्म के समय की सूर्य राशि के अनुसार वह एक उच्च सम्मान एवं आर्थिक संपन्न है। ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की सूर्य, सलमान की कुंडली में जिस स्थान पर बैठा है उसके प्रभाव से वह सल्लू को दीर्घसूत्री बनाता है।यहाँ कुटुंब भाव में सूर्य, धनु राशि में स्थित हैं |ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की कुंडली में चंद्र जिस स्थान (सुखभाव में) पर विराजमान है वह हर सुख प्रदान करता है। सुंदर शरीर का साथ देता है। चंद्र जिस राशि पर स्थित है वह सलमान को कभी-कभी कानूनी परेशानी में डाल देता है।

यहाँ चंद्र,मंगल और शुक्र की युति ..मकर राशि में स्थित हैं | मंगल के कारण पराक्रम में एवं सुख में अद्वितीय होते हुए भी ऐश्वर्य का सुख नहीं भोग पाता। कही-कहीं उलझन में फँस जाता है। बुध की कुंडली में स्थिति सलमान को राजनीति में सफलता दिला सकती है। अपनी छवि को बनाए रखने के लिए हमेशा अपने इष्‍ट की आराधना करते रहना चाहिए। कुंडली में गुरु की स्थिति सुंदर शरीर के साथ आकर्षक व्यक्तित्व भी देती है। कुंडली में स्थित शनि बहुत महत्वाकांक्षी बनाता है।

  • सलमान खान की चंद्र राशि मकर हैं . 12 राशियो में मकर राशि के जातक सबसे ज्यादा खूबसूरत माने जाते है जो कि सलमान है ही उन्हें दुनिया के सात खूबसूरत आदमियों में शुमार किया जा चुका ही है
  • 8 वें स्थान में बैठा राहु |साथ ही माना जाता है कि 8 वें स्थान में राहु बैठने के वजह से बार-बार प्रेम प्रकरणों में असफलता मिलती है जैसा कि उनके साथ हुआ भी है| राहु और मंगल मिकर अंगारक योग भी निर्मित कर रहे हैं | वही चंद्र ग्रहण दोष भी बन रहा हैं| चंद्र-राहु युति के कारण |शुक्र भी राहु से पीड़ित /दृष्ट हैं |
  • छठे स्थान में बैठा गुरु भाईयों को उनसे लाभ और उनके भाईयों को उनसे लाभ देता हैं
  • 04 थे स्थान में बैठे शुक्र एक संपन्न और फेमस घर में जन्म की ओर संकेत करता है.साथ ही अच्छी पत्नी मिलने का भी योग है

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