विकास ने पहले दौर में ऑस्ट्रेलिया के कैम्पबेल सोमरविले को हराया था. इसके बाद उन्होंने दूसरे दौर में जाम्बिया के बेन्नी मुजियो को हराया और फिर सेमीफाइनल में नाइजीरिया के स्टीवन डोनीले को पराजित कर फाइनल खेलने का अधिकार हासिल किया. सेयी के खिलाफ विकास शुरुआत से ही हावी रहे और अपने जैब्स और पंचों से उन्हें हैरान कर दिया. सेयी ने भी रिंग में चपलता दिखाने की कोशिश की लेकिन वह विकास के अनुभव के आगे नतमतस्क नजर आए. विकास से पहले एमसी मैरीकोम और गौरव सोलंकी ने गोल्ड मेडल जीता.

हॉकी में ब्रॉन्ज मेडल से चूका भारत

भारतीय पुरुष हॉकी टीम ब्रॉन्ज मेडल के मुकाबले में इंग्लैंड के खिलाफ 1-2 से हार का सामना करना पड़ा. न्यूजीलैंड के खिलाफ हुए सेमीफाइनल मुकाबले की तरह इस मैच भी भारत की शुरुआत आक्रामक रही लेकिन पांच मिनट के बाद ही इंग्लैंड ने टीम ने भारतीय आक्रमण को तोड़ते हुए डिफेंस पर दबाव बनाना शुरु कर दिया.

इंग्लैंड को सातवें मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर मिला और सैम वॉर्ड ने गोल दागकर टीम को शुरुआती बढ़त दिला दी. एक गोल से पिछड़ने के बाद भारत ने पहले क्वार्टर में गोल करने का प्रयास किया लेकिन वह इंग्लैंड की मुश्तैद डिफेंस को भेद नहीं पाए. दूसरे क्वार्टर में भारत की आक्रामक शैली में कोई परिवर्तन हीं आया और टीम ने इंग्लैंड पर हमले जारी रखे. भारतीय टीम ने गेंद पर नियंत्रण बनाया और 26वें मिनट में टीम को एक पेनाल्टी कॉर्नर मिला जिस पर वरुण कुमार ने गोल दागकर भारतीय टीम को 1-1 की बराबरी दिला दी.

तीसरे क्वार्टर में भारत ने गोल करने के मौके बनाए लेकिन डिफेंस में कमी के कारण इंग्लैंड के सैम वॉर्ड ने 43वें मिनट में फील्ड गोल करके टीम फिर से 2-1 से आगे कर दिया. इसके बाद, चौथे क्वार्टर भारत को गोल करने को मौके मिले लेकिन टीम को बराबरी का गोल नहीं मिला पाया. इस क्वार्टर में भारत एक मौके पर गोल करने के काफी करीब था लेकिन किस्मत ने उसका साथ नहीं दिया. बता दें कि भारत के पास अब तक कुल 57 मेडल हो चुके हैं. इनमें 25 गोल्ड, 14 सिल्वर और 18 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं.