SC/ST एक्ट: सुप्रीम कोर्ट में पक्षकार बनेगी राजस्थान सरकार

जयपुर। एससी,एसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना को लेकर राजस्थान पुलिस की ओर से परिपत्र जारी होने के बाद प्रदेश में हडकम्प मच गया। दलित संगठनों और भाजपा के अजा,जजा वर्ग के नेताओं ने इस मसले को लेकर सरकार तक नाराजगी पहुंचाई तो मंगलवार रात मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के निर्देश पर एससी,एसटी एक्ट में तुरंत गिरफ्तार नहीं करने का परिपत्र वापस ले लिया गया।

पुलिस महानिदेशक ओ.पी.गल्होत्रा ने सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को इस बारे में परिपत्र वापस लेने की निर्देश दिए। दलित वोट बैंक की नाराजगी बढ़ती देख सरकार ने अब सुप्रीम कोर्ट में पक्षकार बनने का भी निर्णय किया है। राज्य के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने बताया कि एससी,एसटी एक्ट मामले में केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन फाइल कर रखी है,राज्य सरकार भी इसका समर्थन करती है।

इससे पहले कटारिया ने ही पुलिस महानिदेश एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना कराने को लेकर परिपत्र जारी करने के निर्देश दिए थे। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एम.एल.लाठर ने यह परिपत्र 23 मार्च को जारी किया था। इस परिपत्र में कहा गया था कि किसी भी अधिकारी अथवा कर्मचारी के खिलाफ एससी,एसटी एक्ट के तहत शिकायत मिलने पर बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हो। इसी तरह किसी भी व्यक्ति के खिलाफ इस एक्ट के तहत शिकायत आने पर पुलिस उप अधीक्षक स्तर के अधिकारी से जांच कराने के बाद ही आगे कार्रवाई होनी चाहिए।

लेकिन परिपत्र के बारे में मंगलवार को दलित संगठनों और नेताओं को जानकारी मिली तो उन्होंने मुख्यमंत्री तक अपनी नाराजगी पहुंचाई। मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद यह परिपत्र वापस ले लिया गया। मुख्यमंत्री ने मंगलवार देर रात एक बयान जारी कर कहा कि पुलिस मुख्यालय ने मेरी जानकारी के बिना परिपत्र जारी कर दिया,इसे वापस लेने के आदेश दे दिए गए हैं।

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