इसी स्थान पर पहली बार मिले थे, प्रभु श्री राम और हनुमान जी

डेस्क - भारत की पवित्र भूमि पर बहुत से देवताओं ने जन्म लिया है। इस धरती पर कई देवताओं ने बहुत से महत्वपूर्ण कार्य को पूर्ण करने की वजह से यहाँ शरण ली थी। वही अगर भगवान राम और बजरंगबलि की बात करें, तो आज भी वह जगह इस धरती पर स्थापित है, जहां पर इन दोनो की पहली भेंट हुई थी। जी हां आज हम आपसे एक ऐसे ही मंदिर के बारे में चर्चा करने वाले हैं, जहां पर भगवान राम और हनुमान जी का पहली बार मिलना हुआ था।

कर्नाटक में बेल्लारी जिले के हंपी का हनुमान मंदिर यंत्रोद्धारक हनुमान कहा जाता है। मान्यताओं के अनुसार यही क्षेत्र प्राचीन किष्किंधा नगरी कहलाता है। रामायण में भी इस स्थान का वर्णन वानरों के विशाल साम्राज्य के रूप में मिलता है। आज भी यहां मौजूद कई गुफाएं इसका प्रमाण मानी जाती हैं। यहां पर श्रीराम नवमी से तीन दिन तक विशाल उत्सव मनाया जाता है। ऐसे भी माना जाता है कि हुनमान जी के जन्म स्थान किष्किंधा नगरी में ही हनुमान जी और राम जी की पहली बार भेंट हुई थी।

कुछ स्थानों पर ऐसा जिक्र भी मिलता है कि लंका से अयोध्या लौटते हुए श्रीराम ने लक्ष्मण व सीता के साथ पुष्पक विमान में आते हुए उन्हें उन स्थानों के बारे में बताया जहां वे रुके थे या कोई विशेष कार्य किया था, उस दौरान उन्हों ने किष्किंधा और हनुमान का जिक्र भी किया था। वापसी में श्रीराम ने एक रात्रि यहां विश्राम भी किया था। मौजूदा दौर में कर्नाटक का कोप्पल और बेल्लारी जिले का क्षेत्र ही तत्कालीन किष्किंधा नगरी था। इस स्थान पर ब्रह्माजी का बनाया हुआ पम्पा सरोवर, हनुमानजी की जन्मस्थान आंजनाद्रि पर्वत, बाली की गुफा और ऋषम्यूक पर्वत भी मौजूद है।

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