राजस्थान में अब अफसर बनने के लिए पढ़ना होगा महाभारत और योग का पाठ

राजस्थान में अब अफसर बनने के लिए पढ़ना होगा महाभारत और योग का पाठ

जयपुर। राजस्थान में अब प्रशासनिक सेवा का अधिकारी बनने के लिए परीक्षार्थियों को महाभारत और योग का पाठ पढ़ना होगा।परीक्षा के पाठ्यक्रम में हिन्दूत्व से जुड़े कुछ बिन्दुओं को भी शामिल किया गया हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन प्रबंध को भी इस बार पाठ्यक्रम में जोड़ा गया है।

राजस्थान में प्रशासनिक सेवाओं की परीक्षा कराने वाले संस्थान राजस्थान लोकसेवा आयोग (आरपीएससी ) के पाठ्यक्रम में महाभारत और योग का पाठ शामिल किए जाने को लेकर विरोध के स्वर उठने लगे हैं। पिछले दिनों आरपीएससी ने पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव किया है। इसमे राजस्थान प्रशासनिक सेवा,राजस्थान आबकारी सेवा,राजस्थान पुलिस सेवा,बिक्री कर सेवा सहित अन्य राज्य स्तरीय सेवाओं के लिए होने वाली परीक्षा के लिए प्रशासकीय नीतिशास्त्र नाम से एक नया अध्याय जोड़ा गया है।

इसमें महाभारत से जुड़े कुछ तथ्यों को शामिल किया गया है। जैसे पांड़वों और कौरवों के बीच युद्ध से पूर्व श्रीकृष्ण एवं अर्जुन के बीच हुए संवाद,श्रीकृष्ण के उपदेश,श्रीकृष्ण की गुप्तचर प्रणाली और शत्रु के भेद जानने की विघा सहित कई तथ्यों को शामिल किया गया है। प्रबंध से जुड़े एक अध्याय में योग को शामिल किया गया है। योग के विभिन्न आसनों को अध्याय में जोड़ा गया है।

जानकारी के अनुसार जुलाई में होने वाली राज्य प्रशासनिक सेवा की परीक्षा में प्रशासकीय नीति शास्त्र के साथ ही राजस्थान का इतिहास,कला,संस्कृति,भारतीय इतिहास,आधुनिक विश्व का इतिहास,समाज शास्त्र,आधुनिक विश्व का इतिहास,राजस्थान एवं भारत की अर्थव्यवस्था,देश एवं प्रदेश की राजनीतिक व्यवस्था को लेकर सवाल पूछे जाएंगे । इधर प्रदेश में मंत्रालयिक कर्मचारियों के चयन के लिए गठित अधीनस्थ एवं मंत्रालयिक सेवा चयन बोर्ड की भविष्य में होने वाली परीक्षाओं में वसुंधरा राजे सरकार की ओर से किए गए विकास कार्यों एवं महत्वपूर्ण फैसलों से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंग ।

बोर्ड के नये अध्यक्ष बी.एल.जाटावत ने नया पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए अनाधिकृत रूप से तीन लोगों की कमेटी गठित की है हालांकि जाटावत के अध्यक्ष बनते ही बोर्ड के सचिव मातादीन शर्मा से उनका विवाद सार्वजनिक हो गया। विवाद के चलते सरकार ने शर्मा को सचिव पद से हटा दिया। उल्लेखनीय है कि प्रदेश की स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम में श्यामा प्रसाद मुखर्जी,पंडित दीनदयाल उपाध्याय सहित हिंन्दुत्व से जुड़े अध्याय शामिल किए जाने को लेकर पहले से ही विवाद हो रहा था। अब आरपीएससी और अधीनस्थ चयन बोर्ड के पाठ्यक्रम को लेकर नया बवाल खड़ा हो गया है ।

आरपीएससी की सफाई

राजस्थान लोकसेवा आयोगके अध्यक्ष डॉ.राधेश्याम गर्ग को कहना है कि इस बार योग एवं खेल के साथ ही नीतिशास्त्र को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। इसमें गलत कुछ भी नहीं है। इससे चयनित होने वाले लोगों का ज्ञान ही बढ़ेगा। आरएसएस का एजेंड़ा लागू करने जैसा कुछ भी नहीं है।

कांग्रेस ने कहा,आरएसएस का एजेंड़ा लागू किया जा रहा है

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के महासचिव गिरिराज गर्ग,सचिव सुनील पारवानी और प्रवक्ता सत्येन्द्र सिंह राघव का कहना है कि आरएसएस की सिफारिश पर ही डॉ.राधेश्याम गर्ग को आपीएससी का चेयरमैन बनाया गया है अब वे संघ का एजेंड़ा लागू करने में जुटे हैं। आरएसएस के इशारे पर पहले शिक्षा का भगवाकरण किया गया, अब सरकारी नौकरी का भी किया जा रहा है।

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