कनाडा में सिख डे परेड का आयोजन, लगे खालिस्तान के समर्थन में नारे

कनाडा में सिख डे परेड का आयोजन, लगे खालिस्तान के समर्थन में नारे

डेस्क -कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की भारत यात्रा के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कनाडा के अधिकारियों को खालिस्तान समर्थक कनाडा में एक्टिव कई संगठनों और पॉलिटिकल पार्टियों के नेताओं की लिस्ट सौंपी थी और बताया था कि किस तरह से ये लोग कनाडा में पंजाब और भारत के खिलाफ एक अलग खालिस्तान बनाए जाने की मुहिम चलाए हुए हैं.

इसके बावजूद कनाडा में आयोजित किए गए सालाना सिख डे परेड के मौके पर ना सिर्फ खालिस्तान के समर्थन में खुलकर नारेबाजी की गई बल्कि अलग खालिस्तान बनाने की मांग को लेकर खालिस्तान समर्थकों की तरफ से चलाई जा रही मुहिम रेफरेंडम 20-20 के पोस्टर भी लहराए गए. हैरान करने वाली बात ये है कि कनाडा में आयोजित की गई इस परेड के कार्यक्रम में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और कनाडा के कई मंत्री भी शामिल हुए.

हालांकि इस पूरे मामले में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरफ से कनाडा के प्रधानमंत्री और सरकार पर बनाए गए दबाव के बावजूद कनाडा में खालिस्तान समर्थक जारी गतिविधियों को लेकर पंजाब सरकार ने गेंद केंद्र सरकार के पाले में डाल दी. पंजाब के कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर रंधावा ने कहा कि भारत सरकार और कैप्टन अमरिंदर सिंह के दबाव के बावजूद कनाडा में खालिस्तान समर्थक गतिविधियां क्यूं जारी हैं.

इसका जवाब तो केंद्र सरकार ही दे सकती है. उन्होंने खालिस्तान की सोच को बेवजह की सोच बताते हुए कहा कि अगर विदेश में बैठे कुछ खालिस्तान समर्थक अलग खालिस्तान बनाना चाहते भी हैं तो वो पंजाब की जमीन पर तो कभी नहीं बनने वाला. अगर फिर भी कुछ लोगों को खालिस्तान बनाना है तो वो जिन देशों में रह रहे हैं उन विदेशी सरकारों से जमीन मांगकर अपना अलग खालिस्तान बना सकते हैं.

दूसरी ओर अकाली दल ने भी इस पूरे मामले पर गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि कनाडा सरकार पर दबाव क्यूं नहीं काम आया ये तो केंद्र सरकार ही बता सकती है, लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खालिस्तान से जुड़े मुद्दे का कनाडा के प्रधानमंत्री के भारत और पंजाब के दौरे के दौरान खूब सियासी फायदा उठाया.

अकाली दल के प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि केंद्र सरकार और पंजाब सरकार के लाख दबाव के बावजूद कनाडा में खालिस्तान समर्थक गतिविधियां लगातार जारी है और इस तरह के वीडियो आए दिन कनाडा से सामने आते रहते हैं, लेकिन इसके बावजूद कनाडा में भारत विरोधी खालिस्तान समर्थकों को रोकने के लिए कोई खास कोशिश कनाडा सरकार की ओर से नहीं की जाती.

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