सूरज के भाई- बहन को खोजने में लगे साइंटिस्ट

सूरज के भाई- बहन को खोजने में लगे साइंटिस्ट

डेस्क -एक इंसान का दूसरे इंसान से संबंध पता करने के लिए दोनों का डीएनए मिलया जाना जरूरी होता है। ऐसा ही कुछ अब सौरमंडल और ब्रह्मांड में खगोलविद् करने जा रहे हैं।सौरमंडल के प्रमुख और सबसे शक्तिशाली तारे सूरज के भाई-बहनों की तलाश की जा रही है। विशेषज्ञ इसके लिए आकाशगंगा के तकरीबन साढ़े तीन लाख तारों का डीएनए खंगालेंगे।

इससे विशेषज्ञों को यह समझने में आसानी होगी कि आकाशगंगा का निर्माण कैसे हुआ होगा। ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय शोधकर्ताओं का दल गालाह इस प्रोजेक्ट पर 2013 से काम कर रहा है। हाल ही में उन्होंने इस खोज से जुड़ी जानकारियां साझा कीं। इस प्रोजेक्ट के खत्म होने तक उनका टार्गेट 10 लाख से ज्यादा तारों की पड़ताल करने का है।

तारो की रोशनी का लगाया जा रहा है पता
मैक्वायर यूनिवर्सिटी के डेनियल जकर ने बताया कि ऑस्ट्रेलियन एस्ट्रोनॉमिकल ऑजरवेटरी (एएओ) के 3.9 मीटर के टेलिस्कोप पर लगे हर्मीस स्पेटोग्राफ हर तारे की रोशनी का आकलन कर रहा है। किसी तारे का डीएनए जांचने के लिए हर्मीस उसकी लाइट का आकलन करता है। इससे वह इंद्रधनुष के जैसा स्पेक्ट्रम बनाता है। इस स्पेक्ट्रम में दिखने वाली गहरी लकीरों के लंबाई और उसके स्थान के आधार पर विशेषज्ञ तारे की रासायनिक संरचना तैयार करते हैं।

तारे की रोशनी जुटाने में लगता है एक घंटे का समय
डेनियल जकर ने कहा कि हर रासायनिक तत्व एक खास तरह का गहरा बैंड खास वेवलेंथ पर बनाता है। यह बिल्कुल फिंगरप्रिंट की तरह होता है। एक तारे की रोशनी जुटाने में तकरीबन एक घंटें का समय लगता है। मगर गालाह के शोधकर्ता फाइबर ऑप्टिक्स की मदद से एक समय में 360 तारों की रोशनी जुटा रहे हैं। इसके बावजूद एएओ के विशेषज्ञों को 2014 से 280 रातों का समय लगा पर्याप्त डाटा इकट्ठा करने में।

आकाश गंगा खींच रही तारों को एक-दूसरे से दूर
यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स स्कूल ऑफ फिजिक्स की साराह मार्टेल ने कहा कि, गालाह टीम का लक्ष्य तारों के डीएनए मैच तैयार करना है, ताकि दर जा रहे उनके भाई-बहनों का पता लगाने में आसानी हो सके। कई सारे तारों का डीएनए या रासायनिक संरचना एक समान हो सकती है। आकाश गंगा इन तारों को एक-दूसरे से दूर खींच रही है, जिससे वे पूरी आकाशगंगा में बिखरे हुए दिखेंगे।

25 अप्रैल को जारी होंगे 1.3 अरब तारों के आंकड़े
इस अध्ययन से तारों के असली समूह का पता लगा जा सकेगा। साथ ही सूरज के जन्म, उसका समूह और अन्य भाई-बहनों से जुड़े रहस्य से भी पर्दा उठाने में मदद मिलेगी। इस पूरे अध्ययन पर यूरोप के जिया स्पेसक्राफ्ट से लिए गए 1.3 अरब तारों के आंकड़े 25 अप्रैल को सार्वजनिक किए जाएंगे।


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