२०० साल के बाद शनि जयंती पर महा अमावस्या पर शनि देव को कैसे प्रसन्न करें

२०० साल के बाद शनि जयंती पर महा अमावस्या पर शनि देव को कैसे प्रसन्न करें

डेस्क -२०० साल के बाद शनि जयंती पर महा अमावस्या पर शनि देव को कैसे प्रसन्न करें| शनि जयंती को भगवान शनि के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। शनि अमावस्या के दिन शनि भगवान से जुड़े उपाय करने से जीवन में खुशियां आती हैं। इस दिन का स्वयंसिद्ध मुहूर्त है। कहा जाता है शनि जयंती ज्येष्ठ मास की अमावस्या को मनाई जाती है। शनिदेव को न्याय के देवता कहा जाता है। कहते हैं शनि भगवान कर्मों के अनुसार ही फल देते हैं। शनि देव अपने भोग काल में उन्हीं को नुकसान पहुंचाते हैं जिनके कर्म बुरे होते हैं। जिन जातकों के कर्म अच्छे होते हैं शनि भगवान उनके साथ अच्छा ही अच्छा करते हैं|

शनि जयंती के दिन करें ये उपाय:

  • समाज के निचले तबकों के लोगों और आर्थिक रुप से कमजोर लोगों की मदद करने वालों से शनिदेव हमेशा प्रसन्न होते हैं |
  • उनके अच्छे कर्म के लिए अच्छा फल देते हैं।
  • इस दिन न तो ना तो नीलम पहनें और ना ही लोहे से बनी कोई चीज खरीदें या पहनें इससे शनि का बुरे प्रभाव बढ़ जाते हैं।
  • इस दिन पीपल के पेड़ पर शनिदेव की मूर्ति के पास तेल चढ़ाएं या फिर उस तेल को गरीबों में दान करें।
  • इस दिन को काला तिल और गुड़ चीटों को खिलाएं। इससे भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
  • शनिवार के दिन चमड़े के जूते चप्पल दान करने से भी शनिदेव मनोकामना पूरी करते हैं।
  • शनि जयंती के दिन पीपल के पेड में केसर, चंदन, चावल, फूल मिलाकर अर्पित करें और तिल का तेल का दीपक जलाएं।

शनि को प्रसन्न के लिए पांच मंत्र

1. सूर्यपुत्रो दीर्घदेहो विशालाक्षः शिवप्रियः
मंदचार प्रसन्नात्मा पीड़ां हरतु में शनिः

2. नीलांजन समाभासं रवि पुत्रां यमाग्रजं।
छाया मार्तण्डसंभूतं तं नामामि शनैश्चरम्।।प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः

3. ओम शं शनैश्चराय नमः।
4. ओम शं शनैश्चराय नमः।

ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिया।
कण्टकी कलही चाऽथ तुरंगी महिषी अजा।।
शं शनैश्चराय नमः।

5. ओम शं शनैश्चराय नमः।
कोणस्थ पिंगलो बभ्रु कृष्णौ रौद्रान्तको यमः।
सौरि शनैश्चरा मंद पिप्पलादेन संस्थितः।।
ओम शं शनैश्चराय नमः।


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