65 हजार खतरनाक कुत्तो से बचकर भाग रहे है लोग

65 हजार खतरनाक कुत्तो से बचकर भाग रहे है लोग

डेस्क-इंसानके सबसे वफादार साथी कुत्ते से शहर परेशान है। सिविल अस्पताल में कुत्ते काटने के रोजाना औसतन 7 नए केस सामने रहे हैं। शहर के निजी अस्प्तालों में रोज करीब 17 केस रहे हैं। अनुमान के अनुसार शहर में 60 हजार कुत्ते हैं। अंसल, मॉडल टाउन, न्यू हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, आठ मरला सहित शहर की एक भी ऐसी कॉलोनी नहीं, जहां लोग आवारा कुत्तों से परेशान हों। सुबह मॉर्निंग वाॅक पर निकलने में डर, शाम को निकलने में परेशानी और रात को तो मुसीबत ही मुसीबत। कुत्ते, कार पर छलांग लगाने से नहीं डरते। बाइक सवार एक्सीडेंट का शिकार हो रहे हैं। रात को पैदल घर जाने वाले नौकरी पेशा लोगों की जान सांसत में रहती है।

अप्रैल में सिविल अस्पताल में कुत्तों के काटने के 197 नए केस सामने आए। कुत्ता काटने पर 28वें दिन तक रेबीज के 5 टीके लगाए जाते हैं। सिविल अस्पताल में चार ही टीके लगाए जाते हैं। प्रत्येक टीके के 100 रुपए लिए जाते हैं। बीपीएल कार्ड धारकों को मुफ्त में टीके लगाए जाते हैं। निजी अस्पताल में एक टीके के 500 रुपए तक खर्च करने पड़ते हैं। आवाराकुत्तों से निपटने के लिए नगर निगम को इंतजाम करना है। कुत्तों से शहरवासी परेशान हैं। कुत्ते काटने की कहीं कहीं से शिकायत आती रहती है। डिप्टी मेयर के पति राजू तेलवाला का कहना है कि तहसील कैंप में रात के समय प्रवेश नहीं कर सकते।

निगम में शिकायत की

यहां तक की दिन में भी कुत्ते काटने को दौड़ते हैं। इन्हें शहर से बाहर छोड़ा जाना चाहिए। निगम में शिकायत की है। जरूरत पड़ी तो सीएम विंडो पर भी शिकायत कर सकते हैं।शहर में करीब 65 हजार आवारा कुत्ते हैं। नगर निगम क्षेत्र की आबादी करीब 6 लाख है। इस तरह से नगर निगम क्षेत्र में करीब 10 आदमी के पीछे एक कुत्ता है। हर गली में 5 से 6 आवारा कुत्ते हैं। सर्वे के मुताबिक प्रदेश में कुत्तों की संख्या 25 लाख 36 हजार 429 है।

Share this story